नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/रोहिणी/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- सोशल मीडिया और ओटीटी पर सरकार की नई गाइडलाइन को लेकर सरकार व टेक कंपनियों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि नई गाइडलाइन पर फेसबुक व गूगल ने अपनी सहमति दे दी है लेकिन व्हाट्सएप ओर ट्विटर अब सरकार से आर-पार के मूड में दिखाई दे रहे है और ट्विटर के इंडिया चीफ ने अपने ट्वीट से इसका संकेत भी दे दिया है। हालांकि नई गाइडलाइन लागू करने की डेडलाइन खत्म हो गई है। अब देखना यह है कि सरकार का अब अगला कदम क्या होगा क्योंकि ट्विटर व व्हाट्सएप प्राइवेसी का हवाला देकर नई गाइडलाइन को लागू नही कर रहे है।
सरकार के साथ ट्विटर का विवाद तो लंबे समय से चल रहा है। हाल ही में कंटेंट फिल्टरिंग को लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुरुग्राम के दफ्तर का दौरा किया था। इस दौरान ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी से पुलिस ने पूछताछ भी की। अब मनीष माहेश्वरी ने एक फोटो को ट्वीट किया है जिसमें अंग्रेजी में एक स्लोगन लिखा है जिसका हिंदी अनुवाद यह बहुत मुश्किल होने वाला है, लेकिन बहुत मुश्किल का मतलब असंभव नहीं होता है। माहेश्वरी के इस ट्वीट को सोशल मीडिया यूजर्स सरकार के साथ चल रहे विवाद से जोड़कर देख रहे हैं, हालांकि माहेश्वरी ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने पहले वाले ट्वीट को लेकर कहा कि मेरा मतलब बिना इंटरनेट विकेंड का वक्त कैसे काटा जाए। मेरे घर का ब्रॉडबैंड बंद है। नेटफ्लिक्स इंडिया, आपके पास कोई विकल्प है?
बता दें कि कुछ दिन पहले ही भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को ट्विटर ने ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ बताया था जिसके बाद इसे टूलकिट नाम दिया गया और विवाद इतना बढ़ गया कि दिल्ली पुलिस ने ट्विटर को नोटिस भी जारी किया। इससे पहले केंद्र सरकार ने भी ट्विटर के इस कदम पर आपत्ति जताई थी।
ट्विटर ने कहा है कि भारत में बने नियमों में से जिसे हम लागू कर सकते हैं, उसे लागू करने की कोशिश करेंगे, लेकिन हम अभिव्यक्ति की आजादी और पुलिस की धमकाऊ प्रवृत्ति को लेकर चिंतित हैं। हम नियमों को लागू करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ये पूरी तरह पारदर्शिता के नियमों के साथ होगा। हम भारत के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सेवाएं भारत में कम्युनिकेशन के लिए प्रभावी जरिया साबित हुई हैं। महामारी के समय ये संबल का जरिया भी बनी है। हम भारत में अपने कर्मचारियों के साथ हुई घटनाओं को लेकर भी परेशान हैं। हम पूरे मामले में भारत सरकार के साथ अपनी बातचीत को जारी रखेंगे। हमारा मानना है कि इस मामले में दोनों ओर से सहयोगात्मक रवैया जरूरी है।
-फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों ने नई गाइडलाइन पर दी रजामंदी लेकिन व्हाट्सएप और ट्विटर नही है राजी
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