नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- वैसे हमारे में देश महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफी कड़े कानून बनाये गये है लेकिन इस सब के बावजूद भी देश में रोजाना करीब 246 लड़किया और 1027 महिलाऐं गायब हो रही है और करीब 87 महिलाओं के साथ रोजाना रेप होता है। एनसीआरबी की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। जिससे देखकर सरकारों की नींद उड़ जायेगी। मणिपुर में यौन हिंसा का वीडियो वायरल होने के बाद से तो स्थिति और भी भयावह नजर आ रही है। वहीं जिस तरह से विपक्ष एक ही राज्य को लेकर अपना विरोध जता रहा है इससे देश-विदेश में गलत संदेश भी जा रहा है। हालांकि मणिपुर हिंसा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, मेरा हृदय आज पीड़ा से भरा है, क्रोध से भरा है। मणिपुर की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। पाप करने वाले कितने हैं और कौन हैं, ये अपनी जगह है। ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार होना पड़ा है। शनिवार को विपक्षी दलों के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर पहुंचा है। दो दिवसीय यात्रा के दौरान यह प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेगा। लेकिन पक्ष व विपक्ष को महिलाओं की सुरक्षा के लिए अब मिलकर कड़े कदम उठाने होंगे तभी हमारे देश का गौरव विश्व में बनेगा।
एनसीआरबी रिपोर्ट बताती है कि देश में रोजाना 246 लड़कियां और 1027 महिलाएं गायब हो रही हैं। कठोर कानून होने के बावजूद प्रतिदिन 87 महिलाओं के साथ रेप हो रहा है। राज्यवार देखा जाये तो राजस्थान में 2021 के दौरान 6337 रेप के मामले दर्ज हुए थे। मध्यप्रदेश में 2947, यूपी में 2845 और महाराष्ट्र में यह संख्या 2496 रही है। मध्यप्रदेश में एक वर्ष के दौरान 13034 लड़कियां और 55704 महिलाएं गायब होने का केस दर्ज किया गया। महाराष्ट्र में 3937 लड़कियां और 56498 महिलाएं गायब हो गईं। अगर देशभर की बात करें, तो 2021 में 90113 लड़कियां गायब हुई थीं, जबकि महिलाओं की संख्या 375058 रही है।
राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश का दूसरा नंबर
मणिपुर की घटना के बाद पीएम मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों से महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के प्रति कठोर कदम उठाने की अपील करते हुए कहा, घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या फिर मणिपुर की हो, कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि राजस्थान में 2021 के दौरान 6337 रेप के मामले दर्ज हुए थे। रेप का यह आंकड़ा, किसी भी राज्य में सर्वाधिक रहा है। मध्यप्रदेश में 2947, यूपी में 2845, महाराष्ट्र में 2496 और छत्तीसगढ़ में रेप के मामलों की 1093 रही है। देश में पांच वर्ष यानी 1825 दिनों में डेढ़ लाख महिलाओं से बलात्कार हुआ है। यानी रोजाना 87 महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है।
पांच साल में कौन सा राज्य रेप के केसों में टॉप पर रहा
एनसीआरबी की रिपोर्ट 2021 के मुताबिक, बलात्कार की घटना वाले टॉप 10 राज्यों में छत्तीसगढ़ शामिल नहीं है। साल 2020 की रिपोर्ट में भी छत्तीसगढ़, टॉप 10 स्टेट में शामिल नहीं है। हालांकि राजस्थान, 2021 और 2020 में रेप की घटनाओं में टॉप पर रहा है। 2019 के दौरान भी राजस्थान में ही बलात्कार के सर्वाधिक 5997 मामले सामने आए थे। साल 2018 में राजस्थान, टॉप पर नहीं था। उस वक्त मध्यप्रदेश, बलात्कार के 5433 मामलों के साथ टॉप पर था। राजस्थान का नंबर दूसरा था। साल 2017 में भी मध्यप्रदेश बलात्कार के मामलों में टॉप पर रहा। दूसरा नंबर उत्तर प्रदेश का था। तीसरे स्थान पर राजस्थान था। साल 2021 में देश में रेप के कुल 31677 मामले सामने आए थे। वर्ष 2020 में बलात्कार की 28046 घटनाएं हुई थीं। अगर पीड़ितों की संख्या देखें तो वह आंकड़ा 28153 रहा है। साल 2019 में रेप के 32033 मामले देखने को मिले थे। इनमें पीड़ित महिलाओं की संख्या 32260 रही है। वर्ष 2018 में रेप के कुल 33356 मामले सामने आए थे। पीड़ितों की संख्या 33977 रही है। साल 2017 के दौरान बलात्कार के 32559 केस देखने को मिले थे। इन मामलों में पीड़ितों की संख्या 33658 रही है। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पांच साल के दौरान 159048 से अधिक रेप के मामले सामने आए हैं।
मृत्यु दंड सहित कठोर दंडात्मक प्रावधान हैं
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ’एनसीआरबी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 के दौरान देश में कुल 82084 लड़कियां गुम हुई थीं, जबकि महिलाओं की संख्या 342168 थी। साल 2020 में 79233 लड़कियां गायब हुई तो वहीं लापता महिलाओं की संख्या 344422 रही है। इसी तरह 2021 में 90113 लड़कियां गायब हुई थीं, जबकि 375058 महिलाएं लापता हो गईं।
साल 2021 में 246 लड़कियां और 1027 महिलाओं के लापता होने के मामले दर्ज किए गए थे। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने संसद में बताया, यौन अपराधों के प्रभावकारी निवारण के लिए दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, 2013 अधिनियमित किया गया था। इसके अतिरिक्त, 12 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के बलात्कार के लिए मृत्यु दंड सहित और अधिक कठोर दंडात्मक प्रावधान निर्धारित करने के मकसद से दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, 2018 अधिनियमित किया गया था।
ऑनलाइन विश्लेषणात्मक टूल लॉन्च
इसमें, अन्य बातों के साथ साथ, बलात्कार के मामलों में दो महीने के भीतर जांच पूरी किए जाने तथा आरोप पत्र दायर करने और विचारण को भी दो माह में पूरा करने का अधिदेश दिया गया है। गृह मंत्रालय ने दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, 2018 के अनुसार, यौन हमले से संबंधित मामलों की समयबद्ध जांच की निगरानी करने और उसे ट्रैक करने के कार्य को सुगम बनाने के लिए 19 फरवरी 2019 को पुलिस के लिए ’यौन अपराध जांच ट्रैकिंग प्रणाली’ एक ऑनलाइन विश्लेषणात्मक टूल लॉन्च किया है। यौन हमले के केस में फॉरेंसिक साक्ष्य के संग्रहण और यौन हमले संबंधी साक्ष्य संग्रहण किट की मानक संरचना के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित किए हैं। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने प्रशिक्षण के भाग के तौर पर राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को ओरिएंटेशन किट के रूप में यौन हमला साक्ष्य संग्रहण की 14950 किट वितरित की हैं।
More Stories
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने हत्या के मामले में वांछित एक शातिर अपराधी को किया गिरफ्तार
कौन हैं कश्यप काश पटेल? ट्रंप के विश्वसनीय करीबी जो बन सकते है CIA चीफ
प्रियंका गांधी ने बताया कैसे करना चाहती है वायनाड की सेवा, जानिए
दिल्ली में फिर निर्भया जैसी घटना! कबाड़ी, भिखारी…ऑटो वाला ने पार की हैवानियत की सारी हदें
पप्पू यादव को लॉरेंस गैंग के नाम से फिर मिली धमकी, PA ने दर्ज करवाई शिकायत
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 836 अंक लुढ़का; फेड रिजर्व के फैसले पर सबकी नजर