
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- 07 जून को पूरे देश में ईद-उल-अजहा का पर्व पूरे उत्साह और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस त्योहार को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन त्याग, बलिदान और आपसी भाईचारे का प्रतीक है, जो मुस्लिम समुदाय के लिए अत्यंत विशेष महत्व रखता है। देशभर की मस्जिदों और ईदगाहों में सुबह की नमाज़ अदा की गई।

जामा मस्जिद में नमाज़ और रौनक
दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में सुबह 6:30 बजे से नमाज़ के लिए हजारों लोग एकत्रित हुए। नमाज़ अदा करने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। बच्चों और बड़ों में बराबर उत्साह देखा गया। सभी ने नए वस्त्र पहने, इत्र लगाया और पर्व की खुशियाँ आपस में बाँटीं। मस्जिद के आसपास के बाज़ारों में भी विशेष चहल-पहल रही, जहाँ लोग मिठाइयाँ, सेंवई और त्योहार से जुड़ी सामग्री खरीदते नजर आए।

देश के अन्य हिस्सों में भी दिखा उत्सव का रंग
दिल्ली के अलावा लखनऊ, नोएडा, मुंबई, हैदराबाद और श्रीनगर सहित देश के कई हिस्सों में भी ईद-उल-अजहा बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में विशेष इंतज़ाम किए गए थे, जहाँ बड़ी संख्या में महिलाएं भी नमाज़ के लिए पहुंचीं। मुंबई की मखदूम अली माहिमी मस्जिद और नोएडा की जामा मस्जिद में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।

सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
ईद के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। दिल्ली पुलिस ने जामा मस्जिद क्षेत्र में विशेष गश्त और सुरक्षा अभियान चलाया। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बकरीद के लिए कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए। लखनऊ में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने डीजीपी से मिलकर नमाज़ और कुर्बानी के समय सुरक्षा की मांग की थी, जिसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया और कई शहरों में ट्रैफिक नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग भी की गई।
त्योहार के दौरान पूरे देश में शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहा, जिससे यह पर्व सामाजिक एकता और भाईचारे का मजबूत उदाहरण बनकर उभरा।
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