नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली में मतदाता सूची में विशेष संशोधन को लेकर चुनाव आयोग ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है। अब एक नवंबर से 30 नवंबर तक कोई भी मतदाता अपना नाम जुड़वा सकता है और यदि कोई मतदाता पहचान पत्र में गलती भी है तो उसे ठीक करा सकता है। दिल्ली में कोई भी मतदाता छूट न जाए, इसे ध्यान में रखते हुएं मुख्य निवार्चन कार्यालय (सीईओ) ने इस दिशा में पहल की है। इसके तहत एक जनवरी, 2022 को योग्य आवेदकों के नाम सूची में दर्ज किए जाएंगे।
दिल्ली में अधिक से अधिक मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालयों के प्रमुखों के साथ ऑनलाइन बैठक के साथ युवाओं सहित समाज के सभी वर्गों तक पहुंच बनाने के लिए निर्वाचन कार्यालय की ओर से प्रयास तेज कर दिए गए हैं। कोविड-19 की वजह से पैदा हुईं चुनौतियों के बावजूद कार्यालय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये भी मतदाताओं तक पहुंच बनाई है। फेसबुक पर विशेष डिजिटल पोस्टर लगाए गए हैं तो ट्विटर के जरिये भी अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सभी जिला मुख्यालयों में डीएम के नेतृत्व में सारी तैयारी शुरू हो चुकी है। कोई भी व्यक्ति जिनकी उम्र एक जनवरी, 2022 या उससे पहले 18 वर्ष पूरी होगी, मतदाता के तौर पर नामांकन के पात्र होंगे। मतदाताओं की अंतिम सूची का 5 जनवरी को प्रकाशन किया जाएगा। इससे पहले जनवरी 2021 में प्रकाशित मतदाता सूची के मुताबिक दिल्ली में मतदाताओं की कुल संख्या 1.48 करोड़ से अधिक थी। इस दौरान 70 विधानसभा क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया गया।
जिला दक्षिण-पश्चिम के उपायुक्त डा. नवीन अग्रवाल ने बताया कि जिले में मतदाता सूची में संशोधन व नये मतदाताओं के नाम जोड़ने को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। इससे कार्य से जुड़े अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि मतदाता सूची का कार्य सही ढंग से हो सके। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रदेश में 1 जनवरी 2022 की स्थिति में मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 1 से 30 नवंबर तक चलाया जाएगा। इसके तहत कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से मतदाताओं से अपील की गई है कि इस अवधि के दौरान समस्त संशोधन करा लें। एक जनवरी 2022 की स्थिति में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति, जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं है वे अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए आवेदन प्रारूप-6 भरकर संबंधित मतदान केंद्र के बीएलओ व अभिहित अधिकारी के पास जमा कर सकते हैं। विलोपन के लिए प्रारूप-7 तथा नाम, पता या जन्म तिथि संशोधन के लिए प्रारूप-8 एवं मतदान केंद्र परिवर्तन करने के लिए प्रारूप-8 (क) भरना होगा। सभी फार्म बीएलओ तथा अभिहित अधिकारी के पास प्राप्त किए जा सकते हैं। दावा-आपत्ति प्राप्त करने को बीएलओ तथा अभिहित अधिकारी प्रत्येक कार्यलय दिवस में सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक मतदान केंद्र में मौजूद रहेंगे।
वही चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोमवार को दिल्ली के सीईओ रणबीर सिंह करीब 100 गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों से बातचीत कर सकते हैं। बुधवार को सीईओ कार्यालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ इसी विषय पर चर्चा की जाएगी। 21 अक्टूबर को दिल्ली विश्वविद्यालय, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली और इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय के प्राचार्यों के साथ ऑनलाइन बातचीत हुई थी।
सीईओ ने कहा था कि दावे और आपत्तियां नवंबर में दर्ज की जा सकती हैं। अंतिम मतदाता सूची 5 जनवरी, 2022 को प्रकाशित की जाएगी। चुनाव प्रक्रिया में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया को अपनाया जा रहा है ताकि उन्हें लोकतंत्र के गौरवशाली मतदाता बनने के लिए प्रेरित किया जा सके।
हेल्प डेस्क से मतदाताओं की मुश्किलें होंगी कम
इस महीने की शुरुआत में मतदाताओं को जागरूक करने के अदालतों के नजदीक सीईओ हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। कड़कड़डूमा, तीस हजारी, पटियाला हाउस, साकेत, रोहिणी, राउज एवेन्यू और द्वारका में कोर्ट परिसर में डेस्क स्थापित किए गए हैं। हेल्पडेस्क पर मतदाता सूची में नाम, मतदाता पहचान पत्र के लिए नामांकन सहित दूसरे तरह की सहायता प्रदान की जा रही है। कोविड-19 से बचाव के लिए वेबसाइट या वोटर हेल्पलाइन मोबाइल एप को प्रोत्साहित किया जा रहा है। चुनाव प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग को देखते हुए मतदाता सूची के संशोधन में भी उन कर्मियों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है, जिन्हें इसकी समझ हो।
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