नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या लगातार विकराल होती जा रही है। अनुमान के मुताबिक शहर में लगभग 10 लाख लावारिस कुत्ते मौजूद हैं, जो रोज़ाना करीब दो हज़ार से अधिक लोगों को काट रहे हैं। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए नई दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली की विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (आरडब्ल्यूए) ने शनिवार को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के सेंट्रल पार्क में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान “लावारिस कुत्ते हटाओ, देश बचाओ” जैसे नारे लगे और प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार व नगर निगम से तुरंत कार्रवाई की मांग उठाई।

विजय गोयल का आरोप – सुप्रीम कोर्ट का आदेश ही बना बड़ी समस्या
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, जो पिछले तीन सालों से इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं, ने कहा कि दिल्ली में स्ट्रे डॉग्स की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह आम जनता के लिए जानलेवा साबित हो रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर सवाल खड़ा किया जिसमें नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को दोबारा सड़कों पर छोड़ने की अनुमति दी गई थी। गोयल ने तंज कसते हुए पूछा कि हर दिन हो रहे कुत्ता काटने की घटनाओं की जिम्मेदारी कौन लेगा – सुप्रीम कोर्ट या फिर कुत्ता प्रेमी? उन्होंने विदेशों की तरह “नो डॉग्स ऑन स्ट्रीट” नीति लागू करने और शेल्टर होम्स बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
“कुत्ता प्रेमियों के दबाव में प्रशासन निष्क्रिय”
विजय गोयल ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ कुत्ता प्रेमी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वे लोगों को आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए उकसाते हैं और जब कोई शिकायत करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज करवा दी जाती है। उन्होंने बताया कि हाल ही में वे केंद्रीय पशुपालन मंत्री से भी मिले और उनसे पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियमों को समाप्त करने की मांग की, क्योंकि मौजूदा व्यवस्था लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है।
स्थानीय निवासियों का बढ़ता डर और परेशानी
लाजपत नगर निवासी गीता कालरा ने बताया कि उनके इलाके में आवारा कुत्तों की संख्या अनियंत्रित हो चुकी है। लोग डर के साए में जी रहे हैं और यदि कोई उन्हें खाना खिलाने से रोकता है तो विवाद और झगड़े तक हो जाते हैं। इसी तरह, लोधी गार्डन समिति के अध्यक्ष टोनी ने कहा कि कुछ साल पहले तक उनके क्षेत्र में केवल 10 कुत्ते थे, जो अब बढ़कर 40 तक पहुंच गए हैं, जिससे लोगों के बीच खौफ फैल गया है। साउथ जंग डेवलपमेंट एरिया के आरडब्ल्यूए सदस्य एम.एस. रावत ने एमसीडी की निष्क्रियता और कुत्ता प्रेमियों के दखल को स्थिति बिगड़ने की मुख्य वजह बताया।
नतीजा – बढ़ती घटनाओं पर सरकार पर दबाव
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कुत्ता काटने के मामलों ने आम जनता की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आरडब्ल्यूए के लोग अब सरकार और प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, कुत्ता प्रेमियों और विरोध करने वालों के बीच खींचतान बढ़ने से यह मुद्दा और संवेदनशील बनता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि नगर निगम और राज्य सरकार इस समस्या के समाधान के लिए क्या ठोस कदम उठाती हैं।


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