नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- जम्मू और कश्मीर में मुफ्ती परिवार की राजनीतिक यात्रा अब तीसरी पीढ़ी में प्रवेश कर चुकी है। पिछले 25 वर्षों से मुफ्ती परिवार ने लगातार विधानसभा सीटें जीती हैं, लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या उनकी तीसरी पीढ़ी परिवार की साख और प्रभाव को बनाए रख सकेगी?
मुफ्ती परिवार की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, जब मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राजनीति में कदम रखा था। उनके बाद, उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने जम्मू और कश्मीर की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हाल ही में, उनके परिवार की तीसरी पीढ़ी ने चुनावी मैदान में प्रवेश किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह परिवार का एक नया मोड़ है, जिसमें परिवार की साख और राजनीतिक प्रभाव को बनाए रखने की चुनौती होगी। महबूबा मुफ्ती की नेतृत्व शैली और उनके द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद, वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कई चुनौतियां हैं।
वर्तमान में, मुफ्ती परिवार के सदस्यों ने अपनी प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन, स्थानीय मुद्दों, पार्टी के आंतरिक मतभेदों और हाल के राजनीतिक परिवर्तनों के कारण परिवार की साख पर सवाल उठ रहे हैं।
मुफ्ती परिवार की तीसरी पीढ़ी का राजनीति में प्रवेश एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, और इस परिवार की साख और प्रभाव को बनाए रखने के लिए उनके नेतृत्व, दृष्टिकोण और रणनीति पर निर्भर करेगा। आने वाले चुनाव और राजनीतिक परिदृश्य यह तय करेंगे कि क्या मुफ्ती परिवार अपनी स्थापित राजनीतिक स्थिति को बनाए रख सकेगा या नहीं।
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