छत्तीसगढ़ में रैली के दौरान पीएम पर नक्सली हमले की साजिश नाकाम

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

छत्तीसगढ़ में रैली के दौरान पीएम पर नक्सली हमले की साजिश नाकाम

-सीआरपीएफ को बड़ी सफलता, विस्फोटकों से भरी गुफा का खुलासा

रांची/शिव कुमार यादव/- छत्तीसगढ़ में सोमवार को बस्तर में होने वाली पीएम मोदी की रैली में नक्सली हमले के इनपुट मिलने के बाद सीआरपीएफ ने डुब्बा मरका और बीरम के जंगलों में सर्च अभियान के तहत उस गुफा को खोज निकाला जहां नक्सलियों ने भारी मात्रा में विस्फोटकों की एक बड़ी खेप छुपा रखी थी। गुफा में रखे गए विस्फोटकों एवं हथियारों में बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल), बीजीएल प्रोजेक्टर, जिलेटिन रॉड, इलेक्ट्रोनिक डेटोनेटर और आईईडी बनाने का दूसरा सामान सीआरपीएफ ने बरामद कर लिया है। प्रशासन सीआरपीएफ की यह बड़ी सफलता मान रहा है।

आठ किलोमीटर पैदल चलने के बाद पहुंचे गुफा तक
सीआरपीएफ ने सात अप्रैल को इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर सर्च अभियान शुरू किया था। डुब्बा मरका सीआरपीएफ कैंप से एफ 208 कोबरा, ई 212 एवं डी 241 कंपनियां, डुब्बा मरका और बीरम के जंगलों की तरफ रवाना हुई थीं। यह अभियान आसान नहीं था। सुरक्षा बलों के पास ऐसा इनपुट भी था कि नक्सली घने जंगल में घात लगाकर हमला कर सकते हैं। रास्ते में सुरक्षाबलों को आईईडी विस्फोट का सामना करना पड़ सकता है। इसके बावजूद सीआरपीएफ दस्ते ने आगे बढ़ने का निर्णय लिया। तेज गर्मी के बीच जवान, करीब आठ किलोमीटर दूरी का पैदल रास्ता तय कर गुफा तक पहुंचे। सीआरपीएफ ने जब गुफा में प्रवेश किया, तो अधिकारी और जवान हैरान रह गए। वहां पर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर और प्रोजेक्टर का जखीरा छिपा रखा था।

गुफा से मिला हथियारों का जखीरा
इन विस्फोटकों और हथियारों के जरिए नक्सली किसी बड़े हमले को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। पकड़े गए हथियारों में बीजीएल लांचर एक, बीजीएल प्रोजेक्टर 22, बीजीएल राउंड 4, बीजीएल राउंड नॉर्मल 57, बीजीएल राउंड स्मॉल 12, बीजीएल कार्टेज 4, बीजीएल नट 7, वायरलेस सेट 5, वायरलेस संट चार्जर 3, वोल्ट मीटर 3, सेफ्टी फ्यूज ग्रीन 10 मीटर, सेफ्टी फ्यूज ब्लैक 5 मीटर, नॉन इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर 105, जिलेटिन 200, गन पाउडर 30 किलोग्राम और विसल कोर्ड 10 सहित 60 आइटम बरामद हुए हैं।

नक्सलियों ने बनाया देसी बैरल ग्रेनेड लॉन्चर
नक्सलियों ने, केंद्रीय सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए एक घातक हथियार का ’देशी’ मॉडल तैयार किया है। इस हथियार का नाम बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) है। पहले नक्सलियों द्वारा एक दिन में किसी कैंप पर 5-10 बीजीएल दागे जाते थे, अब देशी मॉडल आने के बाद नक्सली एक ही रात में सुरक्षा बलों, खासतौर से सीआरपीएफ कैंपों पर 150-200 बीजीएल से फायर कर देते हैं।
 हालांकि, पिछले कुछ समय से सीआपीएफ उन्हें ऐसा मौका नहीं दे रही है। देसी ’बीजीएल’ कई बार मिस हो जाता है। सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से जो ’बीजीएल’ बरामद किए हैं, उससे यह मालूम हुआ है कि इनका निर्माण लोकल स्तर पर हो रहा है। इसके निर्माण में लोहे की पतली चद्दर का इस्तेमाल होता है। गत वर्ष भी छत्तीसगढ़ के बस्तर में जो बीजीएल मिले थे, उनका बैरल साइकिल में हवा भरने वाले पंप से तैयार किया गया था। इस हथियार के सभी पार्ट एक ही व्यक्ति नहीं बनाता। उन्हें अलग अलग जगहों से मंगाया जाता है। लोहा काटने वाली ’आरी’ और ’चाबी’ बनाने के लिए जिस सामग्री का इस्तेमाल होता है, उसी से बीजीएल के पार्ट तैयार हो जाते हैं।

दो सौ मीटर तक मार करता है देसी बैरल ग्रेनेड लॉन्चर
गत वर्ष सुकमा के किस्टाराम क्षेत्र में स्थित पोटकापल्ली कैम्प पर नक्सलियों ने करीब डेढ़ दर्जन बीजीएल दागे थे। बीजापुर में धर्माराम कैंप पर भी बीजीएल से हमला किया गया था। नक्सलियों का प्रयास रहता है कि वे बीजीएल के जरिए सुरक्षा बलों के आयुध भंडार गृह को निशाना बनाएं। हालांकि, नक्सलियों द्वारा इस हथियार का इस्तेमाल करना नई बात नहीं है। नक्सली, लगभग एक दशक से इसका प्रयोग कर रहे हैं। इससे पहले नक्सली किसी कैंप पर जब हमला करते थे, तो पांच-दस की संख्या में बीजीएल से फायर करते थे। वजह, उनके पास तब असली बीजीएल रहता था। वह बीजीएल सुरक्षा बलों या पुलिस से छीना हुआ होता था। अब उन्होंने खुद ही इसका निर्माण करना शुरू कर दिया है।

बीजीएल के माध्यम से नक्सली दो सौ मीटर दूरी तक का टारगेट हिट कर सकते हैं। रात के समय बीजीएल से फायर करने के बाद नक्सली बच निकलते हैं। दरअसल, सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी व दूसरे सुरक्षा बलों ने मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र को कम कर दिया है। दिन प्रतिदिन नक्सलियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। नए कैंप स्थापित किए जा रहे हैं। इससे नक्सली बौखला उठे हैं। उनका प्रयास है कि सुरक्षा बलों पर हमलों की संख्या बढ़ा दी जाए। दूसरी तरफ सुरक्षा बल अब नक्सलियों के संपूर्ण खात्मे की तरफ चल पड़े हैं।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox