• DENTOTO
  • चुनाव से पहले क्यों छोड़ा नीतीश ने ‘इंडिया’ गठबंधन, दीपांकर भट्टाचार्य ने खोला राज

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 6, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    चुनाव से पहले क्यों छोड़ा नीतीश ने ‘इंडिया’ गठबंधन, दीपांकर भट्टाचार्य ने खोला राज

    -भट्टाचार्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव परिणामों को देखने के बाद नीतीश कुमार का भय व्यर्थ साबित हुआ

    पटना/नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि हो सकता है कि जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार ने इस ‘‘भय” से ‘इंडिया’ गठबंधन छोड़ दिया कि राम मंदिर मुद्दे से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष में एक लहर होगी लेकिन यह गलत साबित हुआ।

    भट्टाचार्य ने कहा कि नीतीश कुमार का “भय” व्यर्थ साबित हुआ, खासकर उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव परिणामों को देखने के बाद। नीतीश की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) बिहार में राष्ट्रीय जनता दल-कांग्रेस-वाम महागठबंधन में शामिल थी और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की एक घटक थी, लेकिन 2024 के आम चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गई थी। भट्टाचार्य ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हमने (गठबंधन ने) उन्हें जाने दिया। नीतीश कुमार कहते रहते हैं कि ‘अब इधर-उधर नहीं करेंगे।’ इसलिए, वह अपनी मर्जी से ऐसा करते हैं।” नीतीश कुमार जनवरी में, महागठबंधन और ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग हो गए थे और भाजपा के साथ मिलकर बिहार में एक नयी सरकार बनाई थी।

    “उत्तर प्रदेश हमें बताता है, वह व्यर्थ का डर था”
    भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लिबरेशन महासचिव भट्टाचार्य ने कहा, “ईमानदारी से कहूँ तो मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्यों छोड़ा, क्योंकि वह मुख्यमंत्री थे, वह अब भी मुख्यमंत्री हैं। मुझे लगता है कि अगर कोई कहता है कि उन्हें संयोजक नहीं बनाया गया तो ‘इंडिया’ गठबंधन का आज तक कोई संयोजक नहीं है।” उन्होंने कहा, “संभवतः, आप जानते हैं, भय का एक तत्व था। हालांकि उस भय का कोई वास्तविक आधार नहीं था। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद, बहुत से लोगों ने सोचा कि इस देश में लहर है। इसलिए, उनके लिए टिके रहने की प्रवृत्ति सबसे महत्वपूर्ण प्रवृत्ति है और शायद इसलिए उन्होंने वैसा किया, लेकिन जैसा कि उत्तर प्रदेश हमें बताता है, वह व्यर्थ का डर था।”

    जदयू के NDA में शामिल होने से बिहार में BJP को हुआ फायदा
    वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट में से 33 पर जीत मिली जो 2019 में मिली 62 से काफी कम है। वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी को 37 सीट पर कामयाबी मिली जिसने 2019 लोकसभा चुनाव में पांच सीटें जीती थीं। भट्टाचार्य ने यह भी दावा किया कि जदयू) के राजग में शामिल होने से वास्तव में बिहार में भाजपा को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि भाजपा का रुख बिल्कुल स्पष्ट था। नीतीश कुमार के बिना, भाजपा शायद (बिहार में) 10 सीट से भी कम पर सिमट जाती।” भाजपा और जदयू) दोनों ने बिहार में 12-12 लोकसभा सीट जीतीं। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox