
गुरुग्राम, 27 मार्च 2025ः भारत के युवाओं में डिजिटल साक्षरता और साइबर सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दुनिया के पहले लॉक स्क्रीन और एआई-आधारित इनोवेशन प्लेटफॉर्म ग्लांस एवं भारत के प्रमुख रक्षा और सुरक्षा थिंक टैंक यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन (यूएसआई) केसहयोग से गुरुग्राम के ले. अतुल कटारिया मेमोरियल स्कूल में ’सशक्तसमुदायः नागरिक साइबर सुरक्षा और कौशल कार्यशाला- डिजिटल साक्षरता और साइबर सुरक्षा जागरूकता’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला ग्लांस के सीएसआर (कॉर्पोरेटसोशलरिस्पॉन्सिबिलिटी) पहल के अंतर्गत आयोजित की गई, जो युवाओं और वंचित समुदायों को एक सुरक्षित और उत्पादक इंटरनेट अनुभव प्रदान करने पर केंद्रित है।

कार्यशाला के दौरान, डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (डीएससीआई)के सहयोग से किशोरों क ेलिए एक साइबर-अवेयरनेस टूल किट भी लॉन्च की गई। इस कार्यशाला में 500 से अधिक छात्रों ने भाग लिया, जिन्होंने सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार, डिजिटल अरेस्ट की जागरूकता और साइबर बुलिंग रोकथाम जैसे महत्वपूण र्विषयों पर इंटरएक्टिव सत्रों में भाग लिया। इस दौरान, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ कर्नल संजीव रिलिया ने छात्रों को व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, फिशिंग घोटालों की पहचान, और सोशल मीडिया पर गोपनीयता बनाए रखने के सर्वोत्तम तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया।
ग्लांस की यह कार्यशाला ‘ग्लांस फॉर गुड’ पहल का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य सभी के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का ेसुरक्षित और जिम्मेदारी पूर्वक डिजिटल दुनिया में नेविगेट करने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरण प्रदान करना है। ग्लांस फॉर गुड, इन मोबी और ग्लांस का सीएसआर और सामाजिक प्रभाव कार्यक्रम है, जो डिजिटल साक्षरता, साइबर सुरक्षा कौशल, जागरूकता, महिला सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है।

इनमोबी ग्रुप की ग्लोबल एसवीपी, चीफ कॉर्पोरेट अफेयर्स और पब्लिक पॉलिसी ऑफिसर, डॉ.सुबी चतुर्वेदी ने कहाः “‘ग्लांस फॉर गुड’ कार्यक्रम हमारे संस्थापक नवीन तिवारी की ‘सशक्त, शिक्षित और सूचित’ करने की दृष्टि पर आधारित है। यह कार्यशाला भारत में बढ़ते साइबर अपराध, ऑनलाइन उत्पीड़न और डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। छात्रों को साइबर सुरक्षा जागरूकता से लैसकर हम न केवल व्यक्तियों की रक्षा कर रहे हैं बल्कि देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे को भी मजबूत बना रहे हैं। शिक्षा साइबर खतरों के खिलाफ हमारी पहली रक्षा पंक्ति है, और हम इसमिशन में यूएसआई के साथ साझेदारी करने पर गर्व महसूस कर रहे हैं।“
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि यह कार्यशाला ले. अतुल कटारिया मेमोरियल स्कूल में आयोजित की गई, जो एक युवा वीर और शहीद के प्रति श्रद्धांजलि है, जिन्होंने राष्ट्र सेवा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
यूएसआई के सेंटर फॉर इमर्जिंग टेक्नोलॉजी फॉर आत्म निर्भर भारत (सीईटीएएनबी) के निदेशक, मेजर जनरल (डॉ.) पवन आनंद, एवीएसएम (से.नि.), नेकहाः “ग्लांस के साथ यह सहयोग साइबर-सक्षम समुदायों को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसे-जैसे डिजिटल खतरों का विकास हो रहा है, हमारे युवाओं को साइबर सुरक्षा जागरूकता से लैस करना अब एक राष्ट्रीय अनिवार्यता बन गया है। यूएसआई इस तरह की पहलों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम छात्रों के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए ग्लांस की सक्रिय भागीदारी और सहयोग की सराहना करते हैं।“
ग्लांस के बारे में
2019 में स्थापित ग्लांस एक अग्रणी कंज़्यूमर टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो ग्लांस, रोपोसो और नोस्ट्रा जैसे डिजिटल प्लेट फार्मों का संचालन करती है। ग्लांस ने लॉक स्क्रीन पर इंटरनेट खपत के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है, जिससे उपयोगकर्ताओं को ऐप डाउनलोड या खोजने की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह न केवल दुनिया का पहला लॉक स्क्रीन प्लेटफॉर्म है, बल्कि यह सबसे नवीन एआई- आधारित कंज़्यूमर टेक प्लेटफॉर्म भी है, जिसे भारत में विकसित किया गया है और वैश्विक स्तर पर अपनाया जा रहा है। आज, 450 मिलियन से अधिक स्मार्टफोन्स में ग्लांस की नेक्स्ट-जेनइंटरनेट एक्सपीरियंस सुविधा है।
रोपोसो ने क्रिएटर- लीड लाइव एंटरटेनमेंट कॉमर्स की दुनिया में क्रांति ला दी है। सिंगापुर में मुख्यालय वाली ग्लांस, इनमोबी ग्रुप की एक अनकंसॉलिडेटेड सब्सिडियरी है, जिसे जीओ प्लेटफॉर्मस, गूगल और मिथरिल कैपिटल से ेफंडिंग प्राप्त है।
यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (यूएसआई) के बारे मेंः
1870 में स्थापित, यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) रक्षा और रणनीतिक अध्ययन का भारत का प्रमुख थिंकटैंक है। यह भारतीय सशस्त्र बलों, सरकार और अकादमिक संस्थानों के साथ मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और भू-राजनीतिक चुनौतियों पर शोध करता है। यूएसआई रणनीतिक कार्यशालाओं, शोधपत्रों और आधुनिक युद्ध एवं राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े व्याख्यानों का आयोजन करता है।
यूएसआई साइबर सुरक्षा जैसी सार्वजनिक जागरूकता पहलों में भी सक्रियरूप से भाग लेता है और राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए विभिन्न संगठनों के साथ साझेदारी करता है। एशिया के सबसे पुराने रक्षाथिंक टैंकों में से एक, यूएसआई भारत की रणनीतिक सोच का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना हुआ है।
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