नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली में इस साल भीषण गर्मी में बिजली की मांग 8100 मेगावाट तक पहुंच सकती है। पिछले साल गर्मी मे पीक पॉवर डिमांड 7695 मेगावाट थी। बिजली की यह मांग दिल्ली सरकार के लिए चुनौती साबित होगी। परन्तु दिल्ली की उर्जा मंत्री आतिशी ने आने वाले दिनों में भीषण गर्मी में बिजली की मांग को देखते हुए पीक सीजन के दौरान लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बिजली कंपनियों व डिस्कॉम के साथ ‘समर एक्शन प्लान’ की समीक्षा की।
बिजली विभाग और डिस्कॉम अफसरों के साथ मंत्री ने मीटिंग आयोजित की गई जहां अधिकारियों ने आतिशी को आगामी गर्मी के मौसम के लिए बिना किसी पॉवर कट के बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की उनकी तैयारी के बारे में जानकारी दी है। आतिशी ने कहा, लोगों को 24Û7 बिजली उपलब्ध करवाना दिल्ली सरकार की गारंटी और प्राथमिकता है।
आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने अपने नागरिकों में यह विश्वास पैदा किया है कि उन्हें बिना किसी पॉवर कट के 24Û7 बिजली मिल सकती है और हम आने वाले समय में भी बिजली की मांग बढ़ने के बावजूद लोगों के इस विश्वास को टूटने नहीं देंगे।
बिजली कंपनियों संग टाई-अप और सब-स्टेशनों को अपग्रेड करें
आतिशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली की मांग की लगातार समीक्षा करें। उसी आधार पर बिजली की मांग के अनुसार सभी डिस्कॉम बिजली कंपनियों के साथ अतिरिक्त बिजली टाई-अप कर के रखे। बिजली मंत्री अधिकारियों को निर्देश दिया कि पॉवर सब-स्टेशनों की मेन्टेनेंस की जाए, जहां जरूरत है सब-स्टेशन को अपग्रेड किया जाए व बिजली की लाइनों और तारों की जरुरी मेन्टेनेंस भी की जाए ताकि पीक टाइम के दौरान किसी प्रकार भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो।
सब्सिडी कंपनी की जगह उपभोक्ताओं के खातों में डाले दिल्ली सरकारः अनिल
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि आप की दिल्ली सरकार द्वारा बिजली सब्सिडी देने को हर बार नए तरीके से प्रायोजित करके पेश करके दिल्ली की जनता को गुमराह किया जा रहा है। उपराज्यपाल द्वारा बिजली सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में डालने की मांग को सही ठहराते हुए अनिल ने कहा कि बिजली सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में डालने की दिल्ली कांग्रेस कई वर्षों से लगातार करती आ रही है, क्योंकि दिल्ली सरकार डीईआरसी को सीधे निर्देश पर बिजली कंपनियों सीधा फायदा पहुंचाया जा रहा है।
कांग्रेस ने दिल्ली सरकार को घेरा
कांग्रेस नेता अनिल ने कहा कि जब डीईआरसी ने अक्टूबर 2020 में दिल्ली सरकार को सब्सिडी 3 किलोवाट या 5 किलोवाट तक करने की सलाह दी थी, जिसके अंतर्गत 95 फीसदी उपभोक्ता सब्सिडी के दायरे में आते और इसके बाद सरकार को 316 करोड़ की बचत होती, उस पर दिल्ली सरकार सिर्फ बिजली कम्पनियों के फायदे में इस पर मोहर नहीं लगाई, जिसके दवाब में डीईआरसी ने 6 जनवरी 2023 को अपना सुझाव वापस ले लिया।
गरीब लोगों के नाम पर निजी बिजली वितरण कंपनियों विशेषकर बीएसईएस को लाभ पहुंचाने व अनुचित वित्तीय लाभ प्रदान करने की नीति के तहत डीईआरसी ने सब्सिडी उपभोक्ताओं को देने की जगह बिजली कंपनियों के खाते में डाली।
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