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नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- आज 27 अगस्त 2025 से गणेश चतुर्थी का पावन पर्व आरंभ हो गया है। यह उत्सव अनंत चतुर्दशी, 6 सितंबर तक हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। दस दिनों तक चलने वाला यह पर्व भक्तों के जीवन में उत्साह, आनंद और आध्यात्मिक उमंग भर देता है। घर-घर में बप्पा की स्थापना के साथ मंत्रोच्चार और भजनों की मधुर गूंज सुनाई देने लगी है। भक्तजन विघ्नहर्ता गणेश जी की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना में लीन हैं। यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि एकता, समृद्धि और सद्भाव का संदेश भी देता है।
बप्पा के आगमन पर इन चीजों से करें परहेज
गणेश पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को तुलसी पत्र अर्पित करना वर्जित है। मान्यता है कि तुलसी माता ने गणेश जी से विवाह का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। तभी से गणेश पूजा में तुलसी पत्र निषिद्ध माना जाता है। इसके अतिरिक्त, केतकी का फूल, काले रंग की वस्तुएँ और काले तिल भी गणेश जी को अर्पित नहीं करने चाहिए, क्योंकि इन्हें यम का प्रतीक माना गया है। साथ ही, टूटे हुए अक्षत (चावल) का प्रयोग भी अशुभ माना जाता है। भक्तों को चाहिए कि वे बप्पा की पूजा शुद्ध और पवित्र सामग्री से ही करें, तभी उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा।
शुभ मुहूर्त में करें स्थापना, पाएं बप्पा की कृपा
गणेश चतुर्थी पर गणपति की स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त आज सुबह 11:01 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक है। इसके बाद दूसरा मुहूर्त दोपहर 1:39 बजे से शाम 6:05 बजे तक रहेगा। इन मुहूर्तों में विधि-विधान से गणेश जी की स्थापना करने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बरसती है।
इस गणेश चतुर्थी पर आइए हम सब मिलकर विघ्नहर्ता श्री गणेश के चरणों में शीश झुकाएँ और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को मंगलमय बनाएँ।
!! गणपति बप्पा मोरया !!


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