नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद देशभर के डॉक्टरों में आक्रोश फैल गया है। सोमवार को डॉक्टरों ने इस विभत्स घटना के विरोध में हड़ताल का ऐलान किया था, जो मंगलवार को भी जारी है। हजारों रेजिडेंट डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाओं के अलावा किसी भी अन्य सेवा को रोक दिया है, जिससे मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों ने मंगलवार से ओपीडी सेवाओं को भी बंद करने की घोषणा की है।
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन घटना के बाद से डॉक्टरों का आक्रोश चरम पर है।
डॉक्टरों की मांगें
हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें की हैं:
– महिला डॉक्टर के साथ हुए कार्य की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की मांग।
– मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, एमएस और अस्पताल के सिक्योरिटी इंचार्ज के इस्तीफे की मांग।
– पीड़ित महिला डॉक्टर के परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने और मृतक डॉक्टर के नाम पर किसी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग या लाइब्रेरी का नामकरण।
– डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग।
– डॉक्टरों के खिलाफ होने वाले शारीरिक हमलों के मामलों में पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की मांग।
IMA की पहल
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर इस दिल दहलाने वाली घटना की जानकारी दी है। IMA ने मंत्री से आग्रह किया है कि वे खुद मामले का संज्ञान लें और कठोर कार्रवाई करें। उन्होंने मृतक महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष जांच की भी मांग की है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है।
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