केविके में फसल अवशेष स्वस्थान प्रबंधन पर एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन

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October 18, 2024

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केविके में फसल अवशेष स्वस्थान प्रबंधन पर एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन

-मेंले में कृषि विशेषज्ञों के साथ-साथ लगभग 450 कृषक, प्रसार कार्यकर्त्ता, उद्यमी, सरकारी संस्थान, बीज एवं खाद बनाने वाली कंपनियों ने की भागेदारी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नजफगढ़/शिव कुमार यादव/- रविवार को कृषि विज्ञानं केंद्र (राष्ट्रीय बागवानी अनुसन्धान विकास प्रतिष्ठान), उजवा ने कृषि विज्ञानं केंद्र के परिसर में एक दिवसीय किसान मेला का आयोजन भारत सरकार की परियोजना फसल अवशेष का स्व-स्थान प्रबंधन के अंतर्गत किया गया। जिसमे लगभग 450 कृषक, प्रसार कार्यकर्त्ता, उद्यमी, सरकारी, संस्थान बीज एवं खाद बनाने वाली कंपनियों ने भागेदारी की।
                  इस मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि “माननीय श्री राजेश वर्मा, भा.प्र.से. राष्ट्रपति के सचिव, भारत गणराज्य एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. अशोक कुमार सिंह, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली, श्रीमती नीलम पटेल, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग, भारत सरकार, श्री एम.के. मिश्रा, निदेशक, प्राकृतिक खेती परियोजना, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार एवं डॉ.वाइ.आर मीणा, अतिरिक्त आयुक्त (संचार माध्यम) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ. डी.के. यादव, सहायक महानिदेशक (बीज) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पूसा, नई दिल्ली, डॉ. राज नारायण, प्रधान वैज्ञानिक (सब्जी विज्ञान), भारतीय कृषि अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर, राजस्थान एवं श्री जगत सिंह, उप निदेशक, राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र, गाजियाबाद के द्वारा किया गया।


                 कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. बिजेन्द्र सिंह, अध्यक्ष, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, दिल्ली ने की। कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर डॉ. पी. के. गुप्ता, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र व निदेशक, एन.एच आर. डी. एफ., नई दिल्ली, मुख्य अतिथि सहित माननीय अतिथिगण कृषक बंधु, मीडिया कर्मी व प्रदर्शनी लगाने वाली संस्थानों व कम्पनियों का स्वागत करते हुए कृषि विज्ञानं केंद्र के द्वारा किसान मेला के आयोजित करने के उद्देष्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
                  मेले का उद्धघाटन करते हुए मुख्य अतिथि श्री राजेश वर्मा जी ने बताया कि भारत सरकार की यह योजना चार राज्य पंजाब, उत्तरप्रदेश, हरियाणा एवं दिल्ली में संचालित हो रही है। इससे किसानों ने काफी मात्रा में पराली प्रबंधन करने वाले यंत्रो का इस्तेमाल किया जिससे पराली की समस्या कम हुई है। उन्होनें कहा कि वर्तमान में किसानों को बीज से बाजार तक की नवीनत्तम तकनिकों की तरफ अग्रसर होना है एवं संगठित होकर अपने उत्पाद को सीधा उपभोक्ता तक लेके जाना है जिससे बिचोलियों को खत्म करके अपनी आय को बढाना है। वर्तमान में नवयुवक खेती की तरफ आकर्षित नहीं हो रहे है वो खेती के व्यवसाय से दूर भाग रहे है उनको कृषि विज्ञान केन्द्रों, कृषि विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान संस्थान से प्रषिक्षित करके कृषि उधम के स्टार्ट अप्प से जोड़ना ताकि वे स्वरोजगार के साथ ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार की संभावना बना सके।


                   डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा विभिन्न सुचना एवं संचार गतिविधियॉ जैसे जागरुकता कार्यक्रम, किसान मेला, किसानों के प्रक्षेत्र पर प्रदर्षन एवं विधार्थियों के द्वारा भी जन-जन तक पराली के जलाने से होने वाले नुकसान के संदेश दे रहे है जिससें पराली अब पुॅजी में परिवर्तित होने लगी है। डॉ. सिंह किसानों को धान के नर्सरी एवं शुरुआत में आने बिमारियों से अवगत करवाया एवं सभागण में उपस्थित किसानों को 02 से 04 मार्च, 2023 में होने वालें पूसा किसान मेंला में आमन्त्रित किया। श्री एम.के. मिश्रा ने भारत सरकार के द्वारा शुरुआत की गई प्राकृतिक खेती परियोजना एवं उनके अवयव के बारे में अवगत करवाया। श्रीमती नीलम पटेल ने पराली की समस्या से निदान पाने के लिए यथा-स्थान के साथ साथ एक्स-सीट प्रबंधन के बारे में अवगत करवाया। उन्होनें कहा कि सरकार पराली का उपयोग बायो गैस, सी.एन.जी. एवं अन्य कार्यो मे करने के लिए प्रयास कर रही है ताकि किसानों को पराली जलाने के बजाय आय प्राप्त होने लग जाये। डॉ वाइ.आर. मीणा नें कहा कि भारत सरकार की विभिन्न योजनाएं जैसे जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, मिनी सीड किट, किसान सम्मान निधि योजना, सिचाई योजना आदि के विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई। एवं उन्होनें कहा कि दिल्ली क्षेत्र के किसान भाईं बाजार की मांग के अनुसार परिनगरीय बागवानी को बढावा दे सकते हैं अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते है। डॉ. डी.के. यादव ने किसानों को उत्तम गुणवत्ता वाले बीजों एवं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की विभिन्न प्रजातियों के बारे में अवगत करवाया। उन्होनें कहा खेती में प्रमुख कार्य है गुणवत्ता युक्त बीज का चुनाव करना इसके लिए किसान भाईयों फसल बोने के 02 महीनें पहले ही बीज की चुनाव एवं खरीद कर लेना चाहिए। डॉ. राज नारायण ने किसानों धान एवं गेहूॅ के साथ साथ बागवानी फसलों एवं खेती मे विविधिकरण को बढावा देनें के लिए आग्रह किया।
                      एन.एच.आर.डी.एफ. के मोबाइल एप्प का विमोचन मुख्य अतिथि “माननीय श्री राजेश वर्मा, भा.प्र.से. राष्ट्रपति के सचिव, भारत गणराज्य ने कार्यक्रम के दौरान एन.एच.आर.डी.एफ. के मोबाइल एप्प का विमोचन किया। यह एप्प राष्ट्रीय बागवानी अनुसन्धान विकास प्रतिष्ठान, जनकपुरी के द्वारा विकसित की गई जों किसानों प्याज एवं लहसुन के साथ साथ अन्य सब्जियों की वैज्ञानिक खेती की तकनिकियॉ एवं प्रजातियॉ, संस्था के विभिन्न केन्द्र, प्रशिक्षण केन्द्र एवं बीज व जैविक उत्पाद की जानकारी उपलब्ध करवायेगा एवं इस एप्प के माध्यम से किसाना घर बैठे ही बीज खरीदे सकते है।
                  तकनीकी सत्र के दौरान श्री जगत सिंह ने किसानों को रसायन मुक्त बनाकर जैविक एवं प्राकृतिक खेती से जुड़नें के आह्वान किया। डॉ. सतीश, वैज्ञानिक, कृषि अभियांत्रकी विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली ने पराली के प्रबंधन एवं कम्पोस्ट तैयार करने की विभिन्न मषीनों के बारे में किसानों को जानकारी दी। केन्द्र के विषेशज्ञ श्री कैलाश, विषेषज्ञ (कृषि प्रसार) ने कहा कि विगत 05 वर्षो कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली के विभिन्न प्रयासों से दिल्ली मे पराली जलाने का शून्य मात्र के परिणाम सामने आये है एवं किसानों ने पराली प्रबंधन वाली मशीनों जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर एवं जीरो-सीड-कम-फर्टिलाइजर ड्रिल आदि से गेहूं की सीधी बुवाई का अभिग्रहण किया। जिससे किसानों को अनेक लाभ प्राप्त हुए। डॉ. समर पाल सिंह विषेषज्ञ (सस्य विज्ञान) ने धान की सीधी बुवाई एवं जैविक खेती करने के बारें में विस्तृत जानकारी साझा की एवं डॉ. जय प्रकाश विशेषज्ञ (पशुपालन) ने किसानों आहार प्रबंधन एवं टीकाकरण एवं ग्रीष्म कालीन में पशुओं के रखरखाव की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के शुरुआत में माननीय अतिथिगणों ने केन्द्र की विभिन्न इकाई का भ्रमण एवं अवलोकन किया एवं साथ ही केन्द्र ने विभिन्न प्रसार पत्रिकाओं जैसे भारत में मशरुम उत्पादन एवं कृषि वाहिनी का विमोचन करवाया। कार्यक्रम के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र ने नयी पहल करते हुए दिल्ली देहात के नवाचार किसानों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया एवं साथ मे आधुनिक डेयरी पालन प्रशिक्षण के प्रशिक्षुकों को प्रमाण पत्र दिया गया।
                   श्री कैलाश, विषेषज्ञ (कृषि प्रसार), कृ. वि. के., नई दिल्ली ने किसानों एवं अतिथियों का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हार्दिक आभार प्रकट किया। श्री सत्यवान, श्री त्रिभुवन जी, श्री रामकुमार जी एवं श्री पवन एवं महिला किसान श्रीमती गीता देवी नें अपने अनुभव एवं केन्द्र के योगदान एवं सहयोग के कार्यो को साझा किया। इस कार्यक्रम को सफल करने में डॉ ऋतू सिंह,, डॉ. डी.के. राणा, श्री राकेश कुमार, डॉ. जय प्रकाश, श्री बृजेश कुमार, श्री. सुबेदार पाण्डे, श्रीमति मन्जु, श्री राम सागर, श्री आत्माराम, श्री विशाल, श्री सुधीर सिंह, श्री संजय सिंह, डॉ. शरद तिवारी, डॉ. रजनीश मिश्रा एवं श्री सुभाष तिवारी एवं साथी स्टाफ का सहयोग सहरानीय रहा। इस कार्यक्रम को डीडी किसान चैनल एवं समाचार पत्रों के द्वारा कवरेज किया गया।

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