• DENTOTO
  • “कर्नाटक में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 5, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    “कर्नाटक में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त

    -एससी ने बोर्ड परीक्षा मामले में कर्नाटक एचसी के फैसले पर लगाई रोक

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- सुप्रीम कोर्ट ने राज्य बोर्ड स्कूलों में कक्षा 5, 8, 9 और 11 के छात्रों के लिए “बोर्ड परीक्षा“ को बरकरार रखने के कर्नाटक एचसी के आदेश पर रोक लगा दी है। फिलहाल परीक्षा के परिणाम घोषित नहीं हो सकेंगे। अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश प्रथम दृष्टया आरटीआई अधिनियम के अनुरूप नहीं लगता है। राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है।

    बता दें कि 22 मार्च को कर्नाटक उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने कर्नाटक सरकार को राज्य पाठ्यक्रम के तहत कक्षा 5, 8 और 9 के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की अनुमति देते हुए सिंगल जज बेंच के आदेश को रद्द कर दिया था। दरअसल सिंगल बेंच ने सरकार के बोर्ड परीक्षा रद्द करने के आदेश को रद्द किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने इसकी परमिशन दे दी थी।

    कर्नाटक हाई कोर्ट ने क्या कहा था?
    कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि परीक्षा की प्रक्रिया वहीं से शुरू की जाए, जहां इसे रोका गया था। इस बीच, सुनवाई के दौरान 11वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं पहले ही पूरी हो चुकी थीं। हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि राज्य सरकार आगामी वर्षों के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करने से पहले सभी हितधारकों के साथ परामर्श करेगी हालांकि, रजिस्टर्ड अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

    कर्नाटक सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
    सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने और छात्रों और माता-पिता, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन को कठिनाई में डालने पर तुला हुआ है। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने इन परीक्षाओं के किसी भी परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी है। अदालत ने उच्च न्यायालय के 22 मार्च के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर ये आदेश पारित किया गया है।
              कर्नाटक सरकार ने 6 अक्टूबर और 9 अक्टूबर, 2023 को दो आदेश अधिसूचित किए थे, जिसमें कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड को “योगात्मक मूल्यांकन -2“ परीक्षा आयोजित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। इस फैसले को निजी स्कूल प्रबंधन संघों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं सिंगल बेंच ने सरकारी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया था हालांकि, राज्य की डिवीजन बेंच में अपील के बाद सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी गई थी।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox