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    ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी: सावधान रहें और सुरक्षित रहें

    नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- आजकल इंटरनेट और सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ, साइबर अपराधी ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर धोखाधड़ी करने के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। खासकर, ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर नागरिकों से धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस संदर्भ में पुलिस उपायुक्त मयंक मिश्रा, आईपीएस ने आमजन को सचेत किया है और ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

    धोखाधड़ी का तरीका

    इस तरह की धोखाधड़ी में सबसे पहले नागरिकों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, या व्हाट्सएप पर मुफ्त ट्रेडिंग टिप्स या क्लास के विज्ञापन भेजे जाते हैं। जब लोग इन विज्ञापनों पर क्लिक करते हैं, तो उन्हें एक अज्ञात टेलीग्राम या व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया जाता है। इन ग्रुप्स के माध्यम से साइबर अपराधी नागरिकों से संपर्क करते हैं और उन्हें स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए मुफ्त टिप्स देकर आकर्षित करते हैं।

    कुछ दिनों तक फ्री टिप्स देने के बाद, धोखेबाज लोगों को आगे के मुनाफे का लालच देकर एक अनधिकृत ट्रेडिंग एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहते हैं। ये एप्लीकेशन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के तहत पंजीकृत नहीं होते हैं, लेकिन पीड़ित उन्हें असली मानकर पंजीकरण कर लेते हैं और स्टॉक ट्रेडिंग शुरू कर देते हैं।

    निवेश की प्रक्रिया और फर्जी मुनाफा

    धोखेबाज पीड़ित से स्टॉक खरीदने के लिए उनकी रकम सीधे अपने बैंक खातों में जमा करवाते हैं। इसके बाद, वे डिजिटल वॉलेट में फर्जी मुनाफा दिखाते हैं, जिससे व्यक्ति को यह महसूस होता है कि उनका निवेश सही दिशा में जा रहा है। जब व्यक्ति उस मुनाफे को निकालने की कोशिश करता है, तो उन्हें यह बताया जाता है कि वे तभी मुनाफा निकाल सकते हैं जब उनकी कमाई एक निर्धारित राशि से अधिक हो जाए।

    अतिरिक्त चार्ज और टैक्स के बहाने धोखाधड़ी

    धोखेबाज एक समय पर पीड़ित से उनके स्टॉक पर हुए मुनाफे पर अतिरिक्त चार्ज और टैक्स के नाम पर और धनराशि की मांग करते हैं। यदि पीड़ित इस धनराशि का भुगतान करने से इनकार करते हैं, तो सभी संचार माध्यमों को बंद कर दिया जाता है या उन्हें ब्लॉक कर दिया जाता है। उस समय तक अधिकांश नागरिकों को यह अहसास हो जाता है कि उनके साथ धोखाधड़ी हो चुकी है।

    सावधानी और सुरक्षा के उपाय

    पुलिस उपायुक्त मयंक मिश्रा, आईपीएस ने नागरिकों को सचेत किया है कि वे ऑनलाइन ट्रेडिंग से जुड़ी किसी भी जानकारी या संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से पहले पूरी जानकारी जुटाएं। अनधिकृत एप्लीकेशन या प्लेटफार्म से निवेश करने से बचें। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले हमेशा SEBI द्वारा पंजीकृत सलाहकार से सलाह लें। सेबी की वेबसाइट www.sebi.gov.in पर जाकर निवेश से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं।

    यदि आप किसी प्रकार की ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो तुरंत इसकी रिपोर्ट www.cybercrime.gov.in पर करें। इसके अलावा, साइबर धोखाधड़ी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

    निष्कर्ष

    ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप संदिग्ध लिंक, व्हाट्सएप कॉल और संदेशों से दूरी बनाकर रखें। हमेशा SEBI द्वारा पंजीकृत प्लेटफार्म और सलाहकारों के माध्यम से ही निवेश करें और किसी भी प्रकार की संदेहास्पद गतिविधियों की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें। जागरूक रहकर ही आप साइबर अपराधियों से बच सकते हैं और अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं।

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