-पंजाब, हरियाणा और यूपी की खेती से नही बनेगी बात, खेती का दायरा बढ़ाने व किसान हितैषी सरकारों का होना जरूरी
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- बुधवार को राजधानी के कांस्टीच्यूशनल क्लब में किसान आंदोलन के अगुवा रहे किसान नेताओं को सम्मानित किया गया।इस मौके पर किसानों नेताओं ने किसान व खेती पर विस्तार से चर्चा की। वहीं किसान नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि आज एमएसपी के साथ-साथ खेती का अगले 50 साल का ब्लूप्रिंट तैयार करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि किसान आंदोलन की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि देश के किसान कम से कम एकजुट हो गये हैं। इस आंदोलन की पांच उपलब्धियां है और कई चुनौतियां भी हैं। इस कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत, डॉ दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में किसान नेता योगेंद्र यादव ने पहली उपलब्धि में तीन कृषि कानून रद्द करवाने का रखा है तथा इसमें किसानों की चुनौती है कि ये कानून पीछे के दरवाजे से फिर न आएं और इसके लिए एपीएमसी रिफॉर्म को सख्ती से लागू करवाना है। साथ ही अस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड से फ्री ट्रेड का विरेध करना है अगर ऐसा नही किया तो विदेशों से दूध पाउडर आने से किसानों का दूध का व्यापार खत्म हो जाएगा। एमएसपी पर चेतना आई लेकिन चुनौती अभी भी बाकि है कि देशव्यापी आंदोलन किया जाए ताकि सभी किसानें को यह मिल सके। किसानों की एकता को उपलब्धि बताते हुए उन्होने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की ये एकता बनी रहे इसलिए मोर्चे को गांव-गांव लेकर जाना है। इसका संगठन जिले, गांव स्तर तक बने।
उन्होने कहा कि आज किसान को आंदोलन के जरीये देश में सम्मान मिला है जिसे बचाए रखने की चुनौती भी खड़ी है। हमे किसान के आत्मसम्मान के लिए भविष्य की योजना तैयार करनी होगी। अब पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जो खेती चल रही है वह ज्यादा देर नहीं चलेगी इसलिए अब हमारी जिम्मेदारी है अगले 50 साल की खेती पर केंद्र सरकार ब्लूप्रिंट लेकर आएं। जिसमें पानी, मिट्टी, सोशल जस्टिस, आर्थिक पहलुओं पर भी ध्यान रखा जाए। राजनैतिक महात्वाकांक्षा को उन्होने एक उपलब्धि बताते हुए कहा कि राजनैतिक हैसियत बनी है लेकिन एक-दो विधायक या मुख्यमंत्री से बात नही बनेगी हमे देश में ऐसी सरकार लाने की जरूरत है जो किसान विरोधी न हो। वहीं राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तहत प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी में होने वाले मतदान से पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के अन्य नेता इन जिलों का दौरा करेंगे।
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