दिल्ली/अनीशा चौहान/- दिल्ली की अदालतों में पिछले पांच दिनों से कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है। वजह है वकीलों का लगातार विरोध प्रदर्शन। दरअसल, यह आंदोलन उपराज्यपाल द्वारा जारी की गई अधिसूचना के खिलाफ है। इसी को लेकर वकील नारेबाजी और धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान एक दुखद घटना भी सामने आई, जब कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रदर्शन के बीच वकील रविकांत शर्मा की हार्ट अटैक से मौत हो गई।

उपराज्यपाल के आदेश का विरोध
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 13 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज करने का आदेश दिया गया था। वकीलों का कहना है कि यह व्यवस्था न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करेगी। यदि थानों से गवाही ली जाने लगी तो इससे न तो वकीलों को उचित अवसर मिलेगा और न ही पक्षकारों को निष्पक्ष न्याय। इसी कारण राजधानी की लगभग सभी अदालतों में वकील इस आदेश का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं।
उपराज्यपाल का पुतला दहन
वकीलों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने उपराज्यपाल का पुतला दहन भी किया। उनका कहना है कि इस आदेश से न्यायिक प्रणाली में अव्यवस्था फैल जाएगी और पुलिस थानों में मनमानी शुरू हो जाएगी। इसी बीच, दिल्ली हाईकोर्ट में इस अधिसूचना को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका भी दायर की गई है। वकीलों ने साफ कर दिया है कि जब तक यह आदेश वापस नहीं लिया जाता, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।


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