द्वारका/शिव कुमार यादव/- हवा, पानी, पृथ्वी, आकाश, पहाड़ आदि प्रकृति से जुड़ी कई प्राकृतिक आपदाओं के समक्ष व्यक्ति असमर्थ हो जाता है। यहाँ तक कि तकनीक और विज्ञान भी बौने हो जाते हैं। गत दिनों 12 नवंबर को भी ऐसा ही हुआ। उत्तरकाशी में बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया और उसमें 41 मजदूर बुरी तरह फंस गए। प्रकृति के इस कहर से न केवल मजदूरों के परिजन ही कष्ट में हैं बल्कि देश के तमाम लोग उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थनाएँ कर रहे हैं। श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश इस्कॉन द्वारका मंदिर में उस दिन से ही नियमित 12 घंटे का हरि नाम संकीर्तन किया जा रहा है। प्रतिदिन शाम को दीपदान भी किया जा रहा है ताकि रोशनी की एक भी किरन के माध्यम से संभवतया उनके अंधियारे को दूर करने का प्रयास किया जा सके। हरि नाम संकीर्तन और दीपदान का कार्यक्रम तब तक निर्बाध रूप से जारी रहेगा, जब तक सभी लोग सुरक्षित वापिस नहीं आ जाते।
इस हरि नाम संकीर्तन में प्रतिदिन इस्कॉन द्वारका के वरिष्ठ वैष्णव, प्रचारक एवं यूथ फोरम से जुड़े अनेक भक्तगण शामिल होते हैं। उनके बचाव के लिए जहाँ विदेशों से भी तकनीकी सहायता एवं विचार-विमर्श किया जा रहा है, वहीं अनेक स्तरों पर प्रशासनिक बचाव कार्य जारी है। पर जैसा कि हरि नाम की महिमा के बारे में शास्त्र बताते हैं कि हरि नाम मंत्र में अटूट शक्ति है। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे३ श्रीमद्भागवत महापुराण के द्वादश स्कंध के 13वें अध्याय के 23वें श्लोक में कहा गया है किः-
नाम संकीर्तनं यस्य सर्वपापप्रणाशनम्,
प्रणामो दुःखशमनस्तं नमामि हरिं परम्।
अर्थात मैं उन भगवान् श्रीहरि को सादर नमस्कार करता हूँ, जिनके पवित्र नामों का सामूहिक कीर्तन सारे पापों को नष्ट करता है और जिनको नमस्कार करने से सारे भौतिक कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। अतः इस संकीर्तन से भी हमारा यही उद्देश्य है जल्द से जल्द पीड़ितों के कष्टों का निवारण हो और वे सुरक्षित अपने परिजनों से मिल सके।
मुसीबत की इस घड़ी में दिल्लीवासी देश के साथ हैं और दिन-ब-दिन इस हरि नाम संकीर्तन में लोगों की भागीदारी बढ़ रही है। आमजन भी इसमें उत्साह से भाग ले रहे हैं ताकि उन मजदूरों को दुख सहने की शक्ति मिले और वे कष्टभरे दिनों की पीड़ा को आसानी से सहन कर सकें।
इस्कॉन द्वारका के प्रबंधक बताते हैं कि प्रतिदिन 12 घंटे का यह हरि नाम संकीर्तन तब तक अविरल रूप से जारी रहेगा, जब तक सभी पीड़ित सुरक्षित बाहर नहीं आ जाते। हरि नाम के माध्यम से हमारा प्रयास है कि मंत्रों की शक्ति के माध्यम से उनको इस कष्ट को सहने की हिम्मत मिल सके और उन्हें जल्द से जल्द इस कष्ट से मुक्ति मिल सके।
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