
महाराष्ट्र/पुणे/अनीशा चौहान/- महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल तालुका में रविवार दोपहर को एक बड़ा हादसा हो गया, जब इंद्रायणी नदी पर बना करीब 30 साल पुराना लोहे का पुल अचानक ढह गया। इस हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 35 से 40 लोगों के नदी में बह जाने की आशंका है। यह पुल केवल पैदल यात्रियों के लिए बनाया गया था, लेकिन हादसे के समय पुल पर 100 से अधिक लोग मौजूद थे।
कैसे हुआ हादसा?
यह घटना रविवार, 15 जून को दोपहर करीब 3:30 बजे कुंडमाला क्षेत्र में हुई। मानसून के चलते इंद्रायणी नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ था और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक इस क्षेत्र में पहुंचे थे। उसी समय भीड़भाड़ के चलते पुल अचानक टूट गया और दर्जनों लोग नदी में गिर गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुल पहले से ही जर्जर हालत में था और उसकी मरम्मत को लेकर कई बार शिकायतें भी की गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
राहत और बचाव कार्य जारी
घटना की जानकारी मिलते ही तलेगांव दाभाड़े पुलिस, पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय, एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। अब तक 51 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जिनमें से 18 गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नदी से मलबा हटाने के लिए क्रेन और अन्य उपकरणों की मदद ली जा रही है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
इस हादसे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बचाव कार्य तेज़ी से जारी है और सभी प्रभावितों की मदद की जा रही है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि पुल गिरने के लिए कौन जिम्मेदार है।
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