नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का संकल्प पत्र जारी होने के अगले दिन, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर जोरदार हमला किया। शाह ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के नेता फारुख अब्दुल्ला को निशाने पर लेते हुए कहा कि इन दलों के शासन में जम्मू-कश्मीर में कभी भी शांति और विकास नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने महाराजा हरि सिंह का अपमान किया, वे सत्ता में आने का हक नहीं रखते।
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और एनसी ने भ्रष्टाचार की चरम सीमा पार कर ली है, और इन दलों के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका परिवार आतंकवाद की समस्याओं से निपटने के बजाय विदेश चला जाता है। उन्होंने कहा कि अगर वह जीत गए तो आतंकवाद फिर से आ जाएगा, जम्मू-कश्मीर का विकास रुक जाएगा और जम्मू के लोगों को बर्तन उठाकर श्रीनगर जाना होगा।
विपक्ष पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप
अमित शाह ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पर आतंकवाद और पत्थरबाजी में लिप्त लोगों को जेलों से रिहा करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि ये पार्टियां घाटी का माहौल फिर से बिगाड़ना चाहती हैं और शांति को भंग करने की कोशिश कर रही हैं। शाह ने आरोप लगाया कि विपक्ष जम्मू, पुंछ, और राजौरी जैसे शांतिपूर्ण क्षेत्रों में फिर से अशांति फैलाना चाहता है। चुनाव की अहमियत पर जोर देते हुए, शाह ने जनता से सतर्क रहने की अपील की और कहा कि यह चुनाव जम्मू-कश्मीर की शांति और विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
राज्य दर्जे को लेकर विपक्ष पर निशाना
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के विपक्ष के वादों पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा केवल भारत सरकार ही दे सकती है, और विपक्ष का यह वादा केवल चुनावी प्रपंच है। शाह ने विपक्ष के नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि वे केवल राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे वादे कर रहे हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनकी पूर्ववर्ती घोषणाएं और भाषणों में उन्होंने पहले ही स्पष्ट किया था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा चुनाव के बाद मिलेगा।
पाकिस्तान को ललकारा
अमित शाह ने पाकिस्तान को भी ललकारते हुए कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति स्थापित नहीं होती, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बातचीत नहीं हो सकती। शाह ने कहा कि यह पहला मौका है जब जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान के तहत चुनाव हो रहा है और धारा 370 हटाए जाने के बाद यहां की जनता को अपने अधिकार मिले हैं। शाह ने जोर दिया कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है और क्षेत्र के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
विकास की दिशा में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता
अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण परियोजनाओं जैसे एम्स, आईआईटी, और कॉलेजों की स्थापना की है। शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की कड़ी नीतियों के कारण जम्मू-कश्मीर में सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं, और क्षेत्र के विकास की गति तेज हो रही है।
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