नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के एक अध्ययन से पता चला है कि 1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की आबादी में 7.8 फीसदी की तेज से गिरावट आई है। इस आंकड़े के सामने आते ही राजनीतिक गलियारे में गलचल मच गई है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। अब भाजपा ने इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उसका कहना है कि अगर देश कांग्रेस के हवाले कर दिया गया तो हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं बचेगा।
कांग्रेस के दशकों के शासन ने हमारे साथ यही किया
भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने बुधवार को ईएसी-पीएम की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ’1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की आबादी में 7.8 फीसदी की कमी आई है। वहीं, मुस्लिम आबादी में 43.15 फीसदी की वृद्धि हुई है। कांग्रेस के दशकों के शासन ने हमारे साथ यही किया है। उनके भरोसे छोड़ दिया जाए तो हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं बचेगा।’
1950 से 2015 के बीच भारत में बहुसंख्यकों की संख्या आठ फीसदी घटी
बता दें, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्ययन के अनुसार 1950 में भारत में हिंदुओं की संख्या कुल आबादी में 84 फीसदी थी जो 2015 में घटकर 78 फीसदी रह गई। इस अवधि में यानी 65 वर्षों में मुस्लिमों की संख्या कुल आबादी के 9.84 फीसदी से बढ़कर 14.0 फीसदी पर पहुंच गई। 1950 और 2015 के बीच, भारत में मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी में 43.15 फीसदी की वृद्धि हुई, ईसाइयों की संख्या में 5.38 फीसदी की वृद्धि हुई वहीं सिखों में 6.58 फीसदी की वृद्धि हुई। इस दौरान बौद्धों की संख्या में भी मामूली वृद्धि देखी गई।
यूपी के डिप्टी सीएम ने भी लगाया आरोप
इस बीच, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी हिंदू आबादी में कमी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि पार्टी की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति के कारण मुस्लिम आबादी बढ़ रही है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जनसंख्या में असंतुलन होना चिंता का विषय है। मुस्लिमों की आबादी बढ़ रही है। वहीं हिंदुओं की आबादी घटती जा रही है। इन सबके पीछे कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण है।
मौर्या ने आगे कहा, ’कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम लीग की तरह काम किया है। इसके कारण देश में जनसंख्या असंतुलन हुआ है। इसलिए देश को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की आवश्यकता है। हिंदुओं की तरह, मुसलमान केवल एक व्यक्ति से शादी करेंगे। यह नहीं कि हम पांच और हमारे पांच के फॉर्मूले से संतुलन बिगड़े और फिर देश में एक और पाकिस्तान की मांग उठने लगे। यह सब होने से रोकने के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड जरूरी है।’
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ’यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस पर सभी भारतीयों को गंभीरता से कुछ सवाल पूछने चाहिए क्योंकि सिर्फ मुस्लिम समुदाय ने पिछले कई वर्षों में इतनी बड़ी संख्या में अपनी आबादी बढ़ाई है। अवैध आप्रवासन और धर्मांतरण के कारण यह कितनी वृद्धि हुई है? अकेले मुस्लिम समुदाय की इस वृद्धि का कितना हिस्सा बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई जैसे अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को उन लाभों से बाहर कर रहा है जो अल्पसंख्यकों को भारत सरकार और राज्य सरकारों से मिलते हैं?’
उन्होंने कहा, ’मुसलमानों की तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए और उसके ऊपर कुछ राजनीतिक दल संविधान को बदलना चाहते हैं और मुस्लिम समुदाय को धर्म आधारित आरक्षण देना चाहते हैं, जनसंख्या और आरक्षण में वृद्धि का वह घातक संयोजन क्या होगा, इसका ओबीसी, एससी और एसटी जैसे अन्य वंचित समुदायों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?’
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