• DENTOTO
  • “अगर अखबार पढ़ कर याचिका दाखिल…”, आखिर याचिकाकर्ता पर क्यों बिफड़ा सुप्रीम कोर्ट

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    July 26, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    “अगर अखबार पढ़ कर याचिका दाखिल…”, आखिर याचिकाकर्ता पर क्यों बिफड़ा सुप्रीम कोर्ट

    मानसी शर्मा /-   भाजपा शासित राज्यों में हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने 24 अक्टूबर को याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई। बता दें कि इस याचिका को सुनवाई के लिए जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच के पास भेजा गया था।

    याचिका को देख जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने असहमति जताई और सुनवाई से मना कर दिया। साथ ही बेंच ने टिप्पणी भी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा सिर्फ उन्हीं की याचिका पर सुनवाई की जा सकती है। जिनके घर पर बुलडोजर एक्शन हुए हैं। अगर याचिकाकर्ता अखबार पढ़ कर याचिका दाखिल करने लगे तो मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता का एनजीओ से कोई लेना- देना नहीं है। उन्होंने सिर्फ अखबार पढ़ कर याचिका दाखिल कर दी है।

    सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर लगाई रोक

    बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने 17 सितंबर 2024 को डिमोलिशन यानी बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाई थी। उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक अतिक्रमण पर ही सिर्फ बुलडोजर एक्शन होगा। इस याचिका को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। जिसके बाद कोर्ट ने यह बात कही थी।

    बहराइच हिंसा पर भी हुई थी सुनवाई  

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बहराइच हिंसा के आरोपियों के घर पर भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था। बता दें कि बहराइच हिंसा के तीन आरोपियों ने बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि बुलडोजर कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 21 के खिलाफ है। साथ ही कहा गया था कि प्रशासन बगैर सूचना दिए बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है। इस मामले की सुनवाई भी जस्टिस गवई की बेंच ने की थी।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox