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  • लड़कियों के खेल के मैदान पर दिल्ली सरकार की तिरछी नजर, 3 खिलाड़ी पंहुची दिल्ली हाईकोर्ट

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    लड़कियों के खेल के मैदान पर दिल्ली सरकार की तिरछी नजर, 3 खिलाड़ी पंहुची दिल्ली हाईकोर्ट

    -खेल का मैदान बचाने के लिए मैदान पर डंटी खिलाड़ी,

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- एक तरफ भारतीय लड़कियां टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीत कर देश का नाम रोशन कर रही हैं वहीं दूसरी ओर दिल्ली की लड़कियां खेल का मैदान बचाने की जद्दोजहद में लगी हैं। लेकिन अब 3 इंटरनेशनल कबड्डी खिलाड़ियों ने दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाल मैदान बचाने की गुहार लगाई है।
                            दिल्ली के आयानगर की कबड्डी खिलाड़ी अंजलि, प्राची बिष्ट और मुस्कान ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर खेल के मैदान को मुक्त करने की मांग की है। तीनों महिला खिलाड़ियों की याचिका पर सुनवाई कर रहीं दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस ज्योति सिंह ने दिल्ली सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
                        कबड्डी की खिलाड़ी अंजलि, प्राची बिष्ट और मुस्कान ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर खेल के मैदान को मुक्त करने की मांग की है। तीनों महिला खिलाड़ियों की याचिका पर सुनवाई कर रहीं दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस ज्योति सिंह ने दिल्ली सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी।
                              याचिकाकर्ताओं ने बताया कि आयानगर में सरदार पटेल पार्क ग्राम सभा की जमीन पर बना हुआ है। लंबे समय से आसपास के सभी गांव ( आया नगर, घिटोरनी, जोनापुर, मण्डी , गदाई पुर, सुल्तानपुर आदि ) की लड़कियां इस जमीन को कबड्डी और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के लिए उपयोग करती हैं। पहले ये जगह बहुत उबड़-खाबड़ थी. जिसे ठीक करने का बीड़ा इन लड़कियों ने ही उठाया। यहां मिट्टी डालने के साथ ही पौधे लगाने का काम भी इन्होंने ही किया और खेल के उपकरण भी लगाए। बिना किसी सरकारी सहयोग के खुद के पैसे मिलाकर इसमें कबड्डी के दो कोच भी रखे। इसके साथ ही साल 2011 में सरकार को विनती पत्र लिखकर कहा कि आसपास के किसी भी गांव में लड़कियों के खेलने के लिए जमीन नही है। अब अगर इस जमीन को खेल के मैदान में बदला गया है और 15 साल से यहां खेल की तैयारी की जा रही है तो इस छोटी सी जमीन को पार्क के नाम से आवंटित कर दिया जाए।
                           एडवोकेट विनीत मल्होत्रा व अंजू जैन ने बताया कि लड़कियों की इस मांग पर इस जमीन को साल 2012-13 में डिविजनल कमिश्नर दिल्ली सरकार ने पार्क के लिए आवंटित कर दिया। साथ ही एमसीडी ने यहां लाइट भी लगवाई। इसके बाद से यहां लडकिया इस जगह पर खेलती है और नेशनल कबड्डी भी खेल कर आई हैं. कई खिलाड़ी आगे भी खेलना चाहती हैं।
                         इस जमीन पर विवाद का मामला तब शुरू हुआ जब इस जमीन के पीछे की तरफ स्कूल के लिए 2013 में 50 बीघा जमीन अलॉट हुई लेकिन 2018 में बीडीओ आफिस द्वारा कुछ क्लेरिकल गलती के कारण ये पार्क वाला खसरा 1592/2 ( 2 बीघा ) भी उसी लिस्ट में लिख कर भेज दिया गया. चूंकि ये जमीन पहले ही सरकार द्वारा पार्क के लिए दी गयी थी तो इसमें ओवरलैपिंग को गई और सरकार की ओर से इस जमीन को खाली कराने की बात की गई है। जिसके बाद निगम पार्षद वेदपाल से मिली महिला कबड़्डी खिलाड़ियों ने कहा कि आसपास कोई खेल का मैदान या स्टेडियम न होने के कारण उनके खेलने के लिए कोई जगह नहीं होगी और उन्हें खेलना बंद करना पड़ेगा क्योंकि परिवार वाले ज्यादा दूर उन्हें नहीं भेजेंगे. इसके बाद निगम पार्षद ने भी दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर इस जमीन को छोड़ने की मांग की लेकिन कोई सुनवाई न होते देख अब दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।

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