टिकरी बॉर्डर खुलवाने को एकजुट हुए उद्यमी, पीएम को लिखा पत्र

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2023
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
September 27, 2023

हर ख़बर पर हमारी पकड़

टिकरी बॉर्डर खुलवाने को एकजुट हुए उद्यमी, पीएम को लिखा पत्र

-आठ माह से है बंद, 20 हजार करोड़ का हो चुका है नुकसान, साढ़े सात लाख लोगों की रोजी पर संकट

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/बहादुरगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- किसान आंदोलन के चलते पिछले आठ माह से हरियाणा की सीमाएं बंद होने से बहादुरगढ़ के उद्योगों का काफी नुकसान हो रहा है। तथाकथित किसान टिकरी बार्डर से हटने को तैयार नही है और उद्यमी अब रास्त चाहते है।जिसे देखते हुए अब औद्योगिक संगठन बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज (बीसीसीआई) से जुड़े उद्यमियों ने गुरुवार को प्रदर्शन कर आठ महीने से बंद टिकरी बॉर्डर खुलवाने की मांग की है। बसीसीआई ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर अपनी परेशानी बताई है कि बहादुरगढ़-दिल्ली का मुख्य रास्ता बंद रहने से स्थानीय उद्यमियों को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है जबकि 7.5 लाख लोगों का रोजगार प्रभावित हो रहा है। उद्यमियों ने चेतावनी दी कि यदि रास्ते तुरंत नहीं खुलवाए गए तो वे सड़कों पर उतरेंगे।
                     बहादुरगढ़ के उद्यमी गुरुवार को बीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरिन्दर छिकारा के नेतृत्व में आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र (एमआइई) में इकट्ठे हुए और रोष जताते हुए नारेबाजी भी की। इन उद्यमियों में हरिशंकर बाहेती, विकास आनंद सोनी और विनोद जैन भी शामिल थे। सूचना मिलने पर एसडीएम हितेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे और उद्यमियों से बातचीत की।
                   उद्यमियों ने उन्हें बताया कि टिकरी बॉर्डर बंद होने के बाद बहादुरगढ़ की फैक्ट्रियों के वाहनों व अन्य वाहनों को एमआई पार्ट-2 से खेतों के कच्चे रास्ते होकर से दिल्ली जाना पड़ता है। इस रास्ते से एमसीडी को टोल देना पड़ता है और रास्ता देने के लिए खेतों के मालिक प्रति वाहन 100-100 रुपये लेते हैं। खेतों के रास्ते में पानी भर गया है। वाहनों का निकलना मुश्किल हो गया है। इसलिए ट्रांसपोर्ट खर्च 300 प्रतिशत बढ़ गया है। इसके अलावा समय भी ज्यादा लगता है। उद्योगपतियों ने एसडीएम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम अपनी मांग के अलग-अलग पत्र सौंपे।
                      प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में नरिंदर छिकारा ने कहा है कि बहादुरगढ़ के उद्योगों का कुल टर्नओवर करीब 80,000 करोड़ है। जिसमें से किसान आंदोलन की वजह से करीब 20,000 करोड़ का नुकसान हो चुका है। इस तरह बहादुरगढ़ के उद्योग गहरे संकट में फंसे हैं। परोक्ष व अपरोक्ष रूप से रोजगार पा रहे 7,50,000 लोगों के रोजगार पर आठ महीने से संकट है। सरकार को भी अरबों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है। आंदोलनकारी किसानों ने एनएच-9 के दोनों तरफ की सड़क को घेर रखा है।
                      हम किसानों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन उन्हें हमारा भी ख्याल रखना चाहिए। हमें भी अपने धंधे चलाने हैं। सात-आठ लाख लोगों का रोजगार बर्बाद हो गया है। रास्ते जल्द नहीं खुलवाए गए तो हम सड़क पर आने को तैयार हैं। -नरिन्दर छिकारा, उद्यमी, बहादुरगढ़

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox