नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने की योजना बना रही है। जल्द ही वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन का बिल संसद में पेश किया जाएगा। उम्मीद है कि सरकार इसे आज, 5 अगस्त को ही संसद में लाने जा रही है। इस नए बिल में किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति यानी वक्फ संपत्ति घोषित करने की शक्ति पर रोक लग जाएगी।
वक्फ बोर्ड का परिचय
वक्फ का अर्थ है ‘अल्लाह के नाम पर’, यानी ऐसी ज़मीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम पर नहीं हैं। वक्फ बोर्ड का एक सर्वेयर होता है जो तय करता है कि कौन सी प्रॉपर्टी वक्फ की है और कौन सी नहीं। इसके निर्धारण के तीन आधार होते हैं: यदि कोई अपनी प्रापर्टी वक्फ के नाम कर दे, यदि कोई मुस्लिम या मुस्लिम संस्था लंबे समय से उस जमीन का उपयोग कर रही है, या यदि सर्वेक्षण में वह जमीन वक्फ संपत्ति साबित हुई है। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय की जमीनों पर नियंत्रण के लिए बनाया गया था, जिसका उद्देश्य इन जमीनों के दुरुपयोग को रोकना और अवैध बिक्री को रोकना है।
वक्फ बोर्ड कैसे काम करता है?
वक्फ बोर्ड देशभर में कब्रिस्तान की घेराबंदी करता है और उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति घोषित कर देता है। वक्फ बोर्ड इन कब्रों और आसपास की जमीनों पर कब्जा कर लेता है। 1995 के वक्फ अधिनियम के अनुसार, यदि वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ संपत्ति है, तो इसे साबित करने की जिम्मेदारी उस पर नहीं है, बल्कि जमीन के असली मालिक पर है कि वह बताए कि उसकी जमीन वक्फ की नहीं है।
वक्फ बोर्ड को मिली शक्तियां
यदि आपकी संपत्ति वक्फ संपत्ति घोषित हो जाती है तो आप इसके खिलाफ कोर्ट में नहीं जा सकते। आपको वक्फ बोर्ड में ही अपील करनी होगी। अगर वक्फ बोर्ड का फैसला आपके खिलाफ आता है तो आप वक्फ ट्रिब्यूनल में जा सकते हैं, जिसमें प्रशासनिक अधिकारी शामिल होते हैं। वक्फ एक्ट की धारा 85 के अनुसार, ट्रिब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती।
केंद्र सरकार का संशोधन का प्रस्ताव
मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों पर अंकुश लगाने का प्लान बनाया है। केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने और संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए संशोधन का प्रस्ताव दिया है। इनमें वक्फ संपत्तियों का अनिवार्य सत्यापन शामिल है। भारत में 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां हैं और कुल लगभग 9.4 लाख एकड़ भूमि वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आती है। प्रस्तावित संशोधनों के तहत वक्फ बोर्ड के दावों का सत्यापन अनिवार्य होगा। संशोधन बिल 5 अगस्त को संसद में पेश किया जा सकता है।
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