
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अगले साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। नॉर्वे के प्रोग्रेस पार्टी से सांसद और नाटो संसदीय सभा के चेयरमैन क्रिश्चियन टाइब्रिंग गजेड ने ट्रंप को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामित किया है। उन्होंने यह इस्रायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच शांति समझौते में ट्रंप की अहम भूमिका को देखते हुए किया। बता दें कि टाइब्रिंग ने साल 2018 में भी डोनाल्ड ट्रंप को इस पुरस्कार के लिए नामित किया था।
उन्होंन ट्रंप के नामांकन के लिए लिखे गए पत्र में लिखा कि वह इस पुरस्कार की तीनों पात्रताएं पूरी करते हैं। उन्होंने अन्य देशों के साथ किसी तरह के सशस्त्र संघर्ष को बढ़ावा नहीं दिया और न ही युद्ध की पहल की। उन्होंने बातचीत के जरिए समझौते किए। ट्रंप ने मध्य पूर्व के देशों में नाटो और अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम की है। 39 साल से अमेरिका के राष्ट्रपति या तो अमेरिका को युद्ध की स्थिति में ले जा रहे थे या अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र विवाद में उलझा रहे थे। ट्रंप ने इसे समाप्त किया है।
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए किसी को नामित करने के लिए योग्य व्यक्ति लोकप्रिय हस्ती, राष्ट्रीय नेता, प्रोफेसर और पुरस्कार के पूर्व विजेता होते हैं। हर साल फरवरी और मार्च में इस पुरस्कार के लिए नामांकनों का चयन किया जाता है। साल 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार का एलान अगले साल अक्तूबर में किया जाएगा। बता दें कि इस साल यानी 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 318 लोगों का नामांकन हुआ था। इनमें से 211 लोग और 107 संगठन शामिल थे।
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टाइब्रिंग ने कहा कि ट्रंप ने इस्रायल और यूएई के बीच ही समझौता नहीं कराया है, बल्कि उत्तरी कोरिया और ईरान के साथ भी शांतिपूर्ण बातचीत की अपील की है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति स्थापित करने के लिए ट्रंप से ज्यादा प्रयास इस पुरस्कार के लिए नामित किसी अन्य सदस्य ने नहीं किए हैं। जब भी किन्ही दो देशों के बीच विवाद की स्थिति बनी तो ट्रंप ने इसे सुलझाने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की, वही इस पुरस्कार के असली हकदार हैं।
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