बीएसएफ में तुगलकी आदेश बना जवान की मौत का फरमान

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

April 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
April 26, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

बीएसएफ में तुगलकी आदेश बना जवान की मौत का फरमान

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- बीएसएफ में तोंद घटाने को लेकर दिये गये तुगलकी आदेश न केवल जवानों के लिए भारी पड़ रहे हैं बल्कि एक जवान की मौत का भी फरमान बन चुके है जिसे देखते हुए कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री से अब इस मामले की जांच कराने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि जवानों का चुस्त दुरूस्त होना जितना जरूरी है उतनी ही उनकी सुरक्षा भी जरूरी है। लेकिन कुछ अधिकारी अपने तुगलकी फरमानो के जरीये जवानों की सुरक्षा पर ध्यान नही दे रहे है जिसकारण बीएसएफ में तोंद घटाने की मुहिम बल कर्मियों के लिए आफत बन गई है। वहीं एसोसिएशन ने सीमा सुरक्षा बल के डीजी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे आईपीएस एसएस देसवाल की कार्यशैली पर भी सवाल उठाये हैं।
शारीरिक दक्षता परीक्षा में करीब दो हजार से ज्यादा अधिकारियों और कर्मियों को साढ़े तीन किलोमीटर दौड़ना होगा। 55 वर्षीय जवान, अपने साथी को कंधे पर बैठाकर 200 मीटर दौड़ेंगे और 6 फुट की दीवार व 9 फुट गहरा गड्ढा भी लांघना पड़ेगा। साथ ही, बंदर रस्सी वाले करतब दिखाने के लिए कहा गया है। कर्मियों का कहना है कि डब्लूएचओ ने कोविड-19 को वायु संचारित रोग घोषित कर दिया है, फिर भी बीएसएफ में ऐसे समय में शारीरिक दक्षता परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है जोकि एक सोचनीय विषय है।
कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि डीजी देसवाल आखिर कोविड-19 के बीच बीएसएफ कार्मियों का शारीरिक दक्षता परीक्षण कराने के लिए क्यों अड़े हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को वायु संचारित रोग घोषित कर दिया है। भारत में केंद्र व राज्य सरकारें इससे लड़ने के लिए दिल्ली में हर तरह के आयोजन पर प्रतिबंध लगा रही हैं, वही सीमा सुरक्षा बल जुलाई माह के अंत में अपने जवानों के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा का आयोजन कर रही है। यह आदेश सरकार के कोविड-19 के तहत जारी दिशा निर्देशों के खिलाफ है।
इस तुगलकी फरमान से एक सिपाही वाटर कैरियर विनोद सिंह की मौत पर दुःख व्यक्त करते हुए एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि अब उस सिपाही के परिवार का पालन-पोषण कौन करेगा। बताया जा रहा है कि 150 किलो वजन वाले सिपाही के कंधे पर एक भारी भरकम खंभा रखकर उसे दौड़ाया गया। नतीजतन, उसकी जान चली गई। इस कृत्य से तो यह जाहिर होता है कि अब हमारे जवानों को आतंकवाद या दुश्मन की गोलियों से नहीं बल्कि अपने अधिकारियों के तुगलकी आदेशों की एवज में भी जान गंवानी पड़ सकती है। उन्होने कहा कि 4 महीने से ज्यादा हो गए गृह मंत्रालय आज तक बीएसएफ का स्थाई तौर पर डीजी नियुक्त नहीं कर पाए जबकि सरहदों पर तनातनी का माहौल है। बीएसएफ डीजी नियुक्ति को लेकर कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने माननीय प्रधानमंत्री जी व गृह मंत्री जी को चिट्ठी लिखी लेकिन नतीजा जीरो रहा। हम पैरामिलिट्री माननीय गृह मंत्री जी से न्यायिक जांच की मांग करते हैं और तब तक इस तरह के वजन घटाओ अभियान पर रोक लगाने की मांग करते है ताकि किसी और बेकसूर जवान की असामायिक मृत्यु ना हो।
यहां बता दें कि सीमा सुरक्षा बल की शारीरिक दक्षता परीक्षा का पहला चरण 31 जुलाई से लेकर दो अगस्त तक चलेगा। 31 जुलाई को कमांडेंट स्तर तक की शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित होगी। एक अगस्त को एसओ स्तर के अधिकारी इस परीक्षा में भाग लेंगे, जबकि दो अगस्त को ओआर यानी बाकी बचे रैंक में आने वाले कर्मचारी मैदान में पहुंचेंगे।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox