
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- बुधवार को नजफगढ़ देहात में बादल जमकर बरसे जिससे प्रशासन की पुख्ता व्यवस्था एक बार फिर धराशाही हो गई। हालांकि मानसून को लेकर नजफगढ प्रशासन पुख्ता प्रबंधों का दावा करता रहा है लेकिन हर बार की बारिश में सड़कों व गलियों में होने वाले जलभराव पर अधिकारी जवाब देने की बजाये मुंह छिपाते ही नजर आते है। बुधवार को हुई झमाझम बारिश में एक बार फिर नजफगढ़ की गलियां व सड़कें तालाब में तब्दील हो गई जिसकारण राहगीरों व स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
नजफगढ़ में लोगों को बारिश से होने वाले जलभराव से निजात नही मिल पा रही है। हर बारिश के साथ सड़के व गलियां जलमग्न हो जाती है। यहां तक कि लोगों के घरों में भी बारिश का पानी भर जाता है फिर भी प्रशासन की आंख नही खुल रही है। हर बार मानसून से पहले अधिकारी जलभराव से निपटने के लिए करोड़ों रूपये खर्च करते है। जिसमे नालों की सफाई से लेकर सड़कों व नालों का निर्माण कराते है लेकिन बरसात के साथ ही उनकी सारी व्यवस्था धरी की धरी रह जाती है और बरसात फिर से अधिकारियों के दावों पर पानी फेर देती है और लोगों के सामने प्रशासन के विकास कार्यों की पोल खोलकर रख देती है। इस संबंध में लोगों की माने तो मानसून के नाम पर हर बार करोड़ों रूपये अधिकारी व ठेकेदार मिलकर डकार जाते है। काम धरातल की बजाये सिर्फ कागजों में ही होता है। जिसका सबसे बड़ उदाहरण तो यह है कि एक तरफ बरसात हो रही है तो दूसरी तरफ प्रशासन नालों की सफाई कराकर कुड़ा व गंद सड़कों पर ही डाल रहा है जो बरसात के पानी के साथ फिर से नालो में ही जा रहा है। और नाले साथ के साथ जाम हो रहे है। प्रशासन की इस कार्यवाही को लेकर लोगों में काफी रोष है। लोगों का कहना है कि अधिकारी कामचोर व भ्रष्ट है जो काम जिस समय पर होना चाहिए उसे न कर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे है जिसका खामियाजा लोग भुगत रहे है।
इस संबंध में नजफगढ़ एसडीएम सतीश गुप्ता का कहना है कि पीडब्ल्यूडी व निगम अधिकारियों के साथ-साथ जलबोर्ड के अधिकारियों से भी बात की जा रही है और नजफगढ़ में जलभराव से कैसे निजात मिले इसके लिए पूरा प्रशासन सड़कों पर उतरा हुआ है हालांकि बरसात से पूर्व सभी काम पूरे किये जाने थे लेकिन कोरोना में लाॅकडाउन की वजह से कुछ कामों में देरी हुई है जिसे पूरा किया जा रहा है। प्रशासन युद्ध स्तर पर बरसात से निपटने की कार्यवाही में लगा है। हालांकि गलियों व सड़कों के साथ-साथ बरसात का पानी लोगों के घरों में भी घुस रहा है जिसकारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। बुधवार की बारिश में आलम यह था कि कई वाहन पानी की वजह से सड़कों पर बंद हो गये जिससे जाम की स्थिति बन गई और काफी देर तक लोग पानी उतरने का इंतजार करते रहे।
वहीं निगम जोन चेयरमैन सुमन डागर का कहना है कि सभी पार्षद कोरोना के साथ-साथ बरसात में भी अधिकारियों के साथ कालोनियों का दौरा कर रहे है और जहां-जहां भराव की समस्या है उसे चिंहित कर वहां से पानी निकालने के लिए पंप का इंतजाम कर रहे है। उन्होने बताया कि इस बार निगम अधिकारियों ने पूरी मेहनत व लग्न के साथ कोरोना काल में अपनी जिम्मेदारी निभाई है जिस वजह से कुछ कामों में देरी भी हुई है लेकिन अब अधिकारी व पार्षद मिलकर इस समस्या का समाधान कर रहे है।
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