नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जम्मू-कश्मीर/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- जम्मू कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि साल 2020 में प्रदेश में आतंकी घटनाओं में खासी कमी आयी है जबकि साल भर में प्रदेश में 225 आतंकियों को मार गिराया गया. पुलिस ने दावा किया कि साल 2020 में 60 पुलिस और सुरक्षाबलों के अधिकारियों और जवानों ने अपनी शहादत दी.
प्रदेश के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने जम्मू कहा कि प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न डीडीसी चुनाव अपने आप में एक बहुत बड़ी प्रक्रिया थी, जो बड़ी शांतिपूर्ण तरीके से गुजरी है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अफसरों और जवानों ने अर्धसैनिक बलों और सेना ने सब ने मिलकर के बहुत अच्छा काम किया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की स्थापना के लिए यह एक सबसे बड़ी प्रक्रिया थी जिसमे पाकिस्तान बार-बार खलल डालने की कोशिश करता रहा. उन्होंने कहा कि नगरोटा में पाकिस्तान से दाखिल होकर एक आतंकियों का दस्ता मारा गया और उसके बाद पुंछ में भी आतंकियों को मार गिराया गया. उन्होंने कहा कि कश्मीर के अंदर लगभग आधा दर्जन ग्रेनेड फेंकने की वारदातों को अंजाम दिया गया जिसमें कोई नुकसान नहीं हुआ. दिलबाग सिंह ने कहा कि साल 2020 में कुल मिलाकर 100 से ज्यादा कामयाब ऑपरेशन जम्मू और कश्मीर में किए गए. उन्होंने कहा कि इन ऑपरेशन्स में 90 के करीब ऑपरेशंस को कश्मीर में और 13 ऑपरेशन जम्मू में किए गए. इन ऑपरेशन्स में 225 आतंकी मारे गए जिसमें 207 कश्मीर में और 18 आतंकी जम्मू में मारे गए।
पुलिस के 16 जांबाज लोग ने अपनी जान की शहादत दी
प्रदेश के डीजीपी ने कहा कि साल 2020 में जम्मू कश्मीर पुलिस ने प्रदेश में आतंक को जिंदा रखने के लिए आतंकियों के विभिन्न मददगार जो हथियार ले जाने का काम करते हैं, पोस्टर लगाने का काम करते हैं, खबरें पहुंचाने का काम करते हैं या लॉजिस्टिकल सपोर्ट पहुंचाने का काम करते हैं को पकड़ा गया. 635 ऐसे ओसीडब्ल्यू को पकड़ा गया. पुलिस ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों की इस कार्रवाई को अंजाम देते हुए प्रदेश पुलिस के 16 जांबाज लोग ने अपनी जान की शहादत दी जबकि अर्धसैनिक बल और सेना के 44 जवान अपनी शहादत दे चुके हैं. दिलबाग सिंह ने कहा किप्रदेश में आतंकवाद के ग्राफ में कमी आई है और साल 2018 और 2019 के बीच मुकाबले को देखा जाए तो इस में काफी गिरावट आई है और अगर कामयाबी का ग्राफ देखें तो वह पहले के मुकाबले काफी ऊपर गया है।
उन्होंने कहा कि बेगुनाह लोगों की को मारने की वारदातों की संख्या साल 2020 म3 38 है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 44 का था. उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में सक्रिय विभिन्न आतंकी संगठनों की रिक्रूटमेंट 2018 के मामले में बहुत कम हुई, लेकिन 2019 के मुकाबले इसमें बढ़ोतरी देखी गई. उन्हीने कहा कि इसका अच्छा पहलू यह रहा है कि इस साल आतंक का दामन थमने वाले 70ः लोग आतंकी संगठनों में शामिल होने के बाद या तो मारे गए या उन्हें गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि पुलिस की कोशिश है जो नए लड़के आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं उनको गलत रास्ते से हटाकर अच्छे रास्ते पर लाया जा सके. जम्मू कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि साल 2020 में 46 ऐसे युवकों को वापस लाया गया जो आतंकी संगठनों को मैं शामिल हो चुके थे. साल 2020 में पाकिस्तान द्वारा सीमा पर किए जा रहे युद्ध विराम उल्लंघन में काफी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने युद्धविराम उल्लंघन को एक हथकंडे की तरह इस्तेमाल किया है और जब जब युद्धविराम उल्लंघन बढ़ते हैं उसके साथ ही पाकिस्तान घुसपैठ को बढ़ाने की कोशिश करता है।
उन्होंने दावा किया है कि बीते साल सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान के करीब एक दर्जन ऐसे कोशिशें नाकाम की है जिनमें पाकिस्तान प्रदेश में हथियार और गोला-बारूद ड्रोन के जरिए बेचने की फिराक में था. जम्मू कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि कुछ मामलों में पाकिस्तान ने नशे की खेती ड्रोन के जरिए भेजने की कोशिश की जिसे नाकामयाब किया गया. प्रदेश के डीजीपी के मुताबिक यह पाकिस्तान का एक नया ट्रेंड है जिसके जरिए वह प्रदेश के युवाओं को न केवल नशे की भट्टी में जोक रहा है बल्कि इससे कमाए गए पैसे को आतंकी गतिविधियों में लगाने की कोशिश कर रहा है।
घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले 75ः की गिरावट आई है
दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 36 हफ्ते मॉड्यूल को भी ध्वस्त किया है जो जिसमें करीब 100 के लोग काम करते थे जो आतंकियों के लिए नारको टेररिज्म, पैसा कुरियर करना, ग्रेनेड फेंकने की कार्रवाई को अंजाम देते थे. उन्होंने कहा कि विभिन्न अलगाववादी संगठन जिस तरह से कश्मीर की भोली-भाली जनता को बहका कर कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करते थे उन घटनाओं में भी काफी कमी आई है. ऐसी घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले 75ः की गिरावट आई है. पिछले साल जहां प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगाड़ने के 584 मामले थे जबकि इस साल यह आंकड़ा 143 का रहा। जम्मू कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि इस साल 12 आतंकियों ने ऑपरेशंस के बीच चलकर अपने आप को सुरक्षाबलों के हवाले किया और सरेंडर किया।
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