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  • कोरोना पर पीएम मोदी ने दिया नया मंत्र- 2021 में अब दवाई भी और कड़ाई भी

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    कोरोना पर पीएम मोदी ने दिया नया मंत्र- 2021 में अब दवाई भी और कड़ाई भी

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गुजरात के राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी। इससे गुजरात का हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा। शिलान्यास समारोह में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपानी और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चैबे भी शामिल हैं। यहां पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2020 ने हमें यह अच्छी तरह से सिखाया है कि स्वास्थ ही संपदा है। यह चुनौतियों से भरा वर्ष रहा है। साथ ही उन्होने कहा कि वैक्सीन आने का मतलब आजादी नही है बल्कि 2021 में अब दवाई भी और कड़ाई भी के मंत्र से आगे बढ़ना होगा।
    राजकोट में 201 एकड़ में ये नया एम्स बनने जा रहा है. जिसकी लागत 1195 करोड़ रुपये होगी। अनुमान है कि 2022 तक इसे पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा। इस एम्स में कुल 750 बेड का अस्पताल होगा, साथ ही 30 बेड आयुष के लिए होंगे. साथ ही 125 डठठै सीटें और 60 नर्सिंग सीटें भी होंगी। इस एम्स को सीधे एयरपोर्ट से कनेक्ट किया जाएगा। राजकोट एयरपोर्ट से सिर्फ 11 किमी. दूर ये एम्स स्थित होगा। एम्स में मरीजों के साथ आने वाले लोगों के लिए अलग से धर्मशाला बनाई जा रही है, साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी अलग क्वार्टर बनना है। केंद्र सरकार की ओर से देश के अलग-अलग राज्यों में एम्स बनाए जा रहे हैं, ताकि हर राज्य में अच्छे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा रहेगी। जनवरी, 2019 में केंद्र सरकार ने राजकोट एम्स को मंजूरी दी थी।
    पीएम मोदी ने साथ ही नया मंत्र भी दिया और कहा कि वैक्सीन आने का मतलब ये नहीं की लापरवाही बरतें। अब दवाई भी और कड़ाई भी के मंत्र से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि हमने हेल्थ सेक्टर में होलिस्टिक तरीके से काम शुरू किया। हमने जहां एक तरफ प्रिवेंटिव केयर पर बल दिया, वहीं इलाज की आधुनिक सुविधाओं को भी प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा- 2014 से पहले हमारा हेल्थ सेक्टर अलग अलग दिशा में, अलग अलग अप्रोच के साथ काम कर रहा था। प्राइमरी हेल्थ केयर का अपना अलग सिस्टम था, गांव में सुविधाएं न के बराबर थी। पीएम मोदी ने कहा- आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बचे हैं। आप सोचिए, इस योजना ने गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है। अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों ने अच्छे अस्पतालों में मुफ्त कराया है। पीएम मोदी ने कहा- बीते 6 वर्षों में 10 नए एम्स बनाने पर काम हो चुका है। जिनमें से कई आज पूरी तरह काम शुरू कर चुके हैं। एम्स के साथ ही देश में 20 एम्स जैसे सुपर स्पैशिलिटी हॉल्पिटल्स पर भी काम किया जा रहा। उन्होंने कहा- आजादी के इतने दशकों बाद भी सिर्फ 6 एम्स ही बन पाए थे। 2003 में अटल जी की सरकार ने 6 नए एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे। उन्हें बनाते बनाते 2012 आ गया था, यानी 9 साल लग गए थे। उन्होंने कहा जनऔषधि केंद्र बीमारी के दौरान गरीब लोगों के मित्र भी हैं। पूरे देश में इस तरह के 7,000 से अधिक केंद्र लोगों को 90ः सस्ती दवाएं प्रदान करते हैं। 3.5 लाख से अधिक गरीब मरीज दैनिक आधार पर इन केंद्रों का उपयोग करते हैं। पीएम मोदी ने कहा- आयुष्मान भारत योजना के कारण गरीब लोगों के 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। इस योजना ने भारत के गरीब लोगों को पैसे की कमी के कारण अच्छे इलाज के संघर्ष से मुक्त कर दिया गया है।
    उन्होंने कहा वैक्सीन हर वर्ग तक पहुंचे इसके लिए कोशिशें अंतिम चरण में हैं, दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने जाने की तैयारी जोरों पर है। गुजरात ने भी कोरोना से निपटने और वैक्सीन की तैयारी को लेकर अच्छी स्थिति में है। पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर कहा कि नया साल 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है, भारत में वैक्सीन को लेकर हर जरूरी तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- 2003 में अटल जी की सरकार ने छह एम्स तैयार करने की योजना बनाई थी। ये नए 6 एम्स 2012 में पूरे हुए, कुल 9 साल में। उन्होंने कहा- साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी, चारों तरफ सवालिया निशान थे। लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है। वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं।

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