मानसी शर्मा /- अनुच्छे 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि याचिकाकर्ताओं की यह दलील कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य में अपरिवर्तनीय परिणाम वाली कार्रवाई नहीं कर सकती, स्वीकार्य नहीं है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ कहते हैं, “राज्य की ओर से संघ द्वारा लिया गया हर निर्णय चुनौती के अधीन नहीं है…इससे अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और राज्य का प्रशासन ठप हो जाएगा…”
अनुच्छेद 370को निरस्त को लेकर SC में सुनवाई जारी
सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370को निरस्त करने और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाना शुरू कर दिया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि इस मामले में तीन फैसले हैं। उन्होंने कहा कि “राज्य की ओर से संघ द्वारा लिया गया हर निर्णय चुनौती के अधीन नहीं है…इससे अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और राज्य का प्रशासन ठप हो जाएगा…”
जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसका मानना है कि भारत में शामिल होने के बाद जम्मू-कश्मीर ने आंतरिक संप्रभुता का कोई तत्व बरकरार नहीं रखा है। जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया है, जैसा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 1और 370से स्पष्ट है।
SC ने कहा कि राज्य में युद्ध की स्थिति के कारण अनुच्छेद 370एक अंतरिम व्यवस्था थी। सीजेआई ने फैसला पढ़ते हुए कहा, पाठ्य वाचन से यह भी संकेत मिलता है कि अनुच्छेद 370एक अस्थायी प्रावधान है। जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया है, जैसा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 1और 370से स्पष्ट है। उसने माना है कि अनुच्छेद 370एक अस्थायी प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त होने की अधिसूचना जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के भंग होने के बाद भी बनी रहती है।सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अनुच्छेद 370(3) के तहत राष्ट्रपति द्वारा अगस्त 2019का आदेश जारी करने की शक्ति का प्रयोग करने में कोई गड़बड़ी नहीं है। इस प्रकार, हम राष्ट्रपति की शक्ति के प्रयोग को वैध मानते हैं, सुप्रीम कोर्ट का कहना है।
धारा 370मामले में फैसला पढ़ते हुए सीजेआई ने कहा, “हम निर्देश देते हैं कि भारत के चुनाव आयोग को 30सितंबर 2024तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाएंगे।” सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370को निरस्त करने को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया, भारत के चुनाव आयोग से 30सितंबर 2024तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने पर केंद्र की दलील को देखते हुए निर्देश दिए कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा दिया जाए।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा
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