नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जयपुर/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ने एक दिन पहले भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त की खबरों पर ओच्छी राजनीति करने का आरोप लगाया था। लेकिन अब डर यह नही की विधायक बिकेंगे या बचेंगे अब कांग्रेस को यह डर सताने लगा है कि कहीं राजस्थान मध्यप्रदेश न बन जाये क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट व सीएम अशोक गहलोत में इन दिनों काफी खींचतान चल रही है जिससे यह आशंका जोर पकड़ती जा रही है कि कहीं मध्यप्रदेश का वाक्या एक बार राजस्थान में भी घटित न हो जाये जिसे देखकर अब सीएम गहलोत व कांग्रेस आलाकमान काफी सतर्क हो गये है।
यहां बता दें कि मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस के हाथ से सत्ता गई तो सभी का ध्यान राजस्थान की तरफ हो गया। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उस समय के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच खींचतान बढ़ गई थी। बात यहां तक पहुंची कि कांग्रेस विधायक दो खेमों में बंट गए और अंत में सरकार गिर गई। शिवराज सिंह चैहान ने दोबारा ताज पहना। अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि कहीं मध्यप्रदेश की कहानी राजस्थान में तो नहीं दोहराई जाएगी। दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और युवा उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं। पायलट दिल्ली पहुंच चुके हैं और पार्टी के 24 विधायक हरियाणा के होटल में रुके हुए हैं। वहीं, खबरें सामने आ रही हैं कि विधायकों के फोन बंद आ रहे हैं और उन्होंने कथित तौर पर पार्टी के नेतृत्व से संपर्क तोड़ लिया है।
दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त करने के बाद उसकी गाड़ी अब राजस्थान पहुंच चुकी है। सीएम ने कहा कि भाजपा यहां सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों को प्रलोभन दे रही है। इन सब घटनाओं से राजस्थान में सियासी हलचल बहुत तेज हो गई है। राजस्थान में उत्पन्न हो रहे हालात, चार महीने पहले मध्यप्रदेश में हुए घटनाक्रम से बिल्कुल मेल खा रहे हैं। विधायकों के पार्टी छोड़ने से कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। ऐसे में सूबे में मध्यप्रदेश जैसे हालात पैदा होने से सीएम गहलोत की धड़कन तेज हो गई है, उन्हें डर है कि कहीं उनके साथ भी कमलनाथ जैसा सलूक न हो जाए।
सीएम द्वारा दिए जा रहे बयान इन बातों को और पुख्ता कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग जहां महामारी से लड़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं वहीं भाजपा सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़ फोड़ करें, खरीद फरोख्त करें इन तमाम काम में लगी हैं। सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को जब कैबिनेट बैठक की तो, उसमें बतौर उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी शामिल होना था। लेकिन वह इस बैठक में शामिल नहीं हुए। इस बैठक में पायलट के समर्थक मंत्री और विधायक भी नहीं पहुंचे। हालांकि, पायलट ने बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर कोई बयान नहीं दिया। एक रिपोर्ट में कहा गया कि राजस्थान के लगभग 10 विधायक भी दिल्ली में हैं। ये विधायक कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात कर अपनी पीड़ा पार्टी अध्यक्ष को बताना चाहते हैं। वहीं, कुछ विधायक गुड़गांव के मानेसर में भी ठहरे हुए हैं।
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