
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना वायरस के चलते पूरी तरह से ठप्प हो चुकी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को फिर से सुचारू करने के लिए केंद्र सरकार ने नये नियमों के साथ इसके संचालन का खाका तैयार कर लिया हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवा को कुछ पा बंदियों के साथ जल्द बहाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी से संबंधित दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं ताकि सार्वजनिक परिवहन का सुरक्षित इस्तेमाल सुनिश्चित हो सके। लेकिन बसों में सामाजिक दूरी के अनुसार यात्रियों की कम संख्या के कारण निजी परिवहन आॅपरेटरों शंका का समाधान नही कर पाने से परिवहन व्यवस्था के सुचारू होने की संभावना अभी क्षीण ही दिखाई दे रही है।
भारतीय बस कार चालक संघ के सदस्यों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि परिवहन सेवा और हाईवे को खोलने से जनता का आत्मबल बढ़ेगा। जिसके सहयोग के लिए आज यात्री परिवहन उद्योग की और से बेलआउट पैकेज मांग पर मंत्री ने कहा सरकार समस्या से पूरी तरह अवगत हैं, उनको सरकार पूरा सहयोग देगी। उन्होने कहा परिवहन व्यवस्था में सुधार का खाका पेश करते हुए कहा कि मेट्रो के एक कोच में 25 यात्री सफर करें, प्लेटफार्म पर ट्रेन रुकने का समय दोगुना किया जाए, प्रत्येक मेट्रो कोच में कितनी सीटें हैं यह प्रदर्शित हो, स्कैनिंग मशीन से कार्ड को 10 मिली मीटर की दूरी पर रखा जाए। एक बस सिर्फ 15 से 20 सवारी के साथ चलाई जाए। बसों में एक सीट छोड़ एक सवारी बैठे। चढ़ते समय यात्री एक दूसरे से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाकर रखें। बार-बार टिकट लेने के बजाय की टिकट स्मार्ट कार्ड का प्रयोग करें। उन्होने कहा कि ई-रिक्शा व ऑटो में सफर के दौरान ड्राइवर सवारी के बीच सामाजिक दूरी के लिए प्लास्टिक की सीट लगाएं। वाहन को ड्राइवर समेत केवल 2 लोगों के साथ चलाए। ं कार किराए पर लेने और उसे खुद चलाने को बढ़ावा दिया जाए। सार्वजनिक परिवहन के क्षमता बढ़ाने के लिए बसों की रात्रि सेवा और स्कूल ड्यूटी बंद करने की सिफारिश भी की गई है। उन्होने यात्रा के समय में बदलाव और ऑनडिमांड सेवा शुरू करने के उपाय भी सुझाए हैं। हालांकि सरकार ने सुरक्षित यात्रा का खाका पेश कर दिया है और इसे जल्द ही लागू करने का परिवहन मंत्री ने आश्वासन दिया है लेकिन सार्वजनिक व्यवस्था प्रणाली के लिए नए नियमों से निजी बस संचालकों की शंका अभी दूर नही हो पाई है। भारतीय बस कार चालक संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि जब तक सरकार उनकी शंका का समाधान नही कर देती और उनको होने वाले घाटे की भरपाई किस तरह होगी उस पर विचार के बाद ही सार्वजनिक सेवा शुरू हो पायेगी।
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