नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- लाॅक डाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों से रेल यात्रा भाड़ा जबरन वसूल करेन के मामले में सरकार को कटघरें में खड़े करने के बाद अब कांग्रेस ने आरोग्य सेतू ऐप की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि आरोग्य सेतू ऐप लोगों की निजता में सेंध लगा रहा है। जिसपर सरकार ने आरोग्य सेतू एप की निजता में सेंध लगाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह मोबाइल एप निजता की सुरक्षा एवं डाटा सुरक्षा के संदर्भ में पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित है।
सरकार का यह बयान फ्रांसीसी हैकर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एल्डरसन के दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने इस ऐप से निजता की सुरक्षा को लेकर खतरे का दावा किया था। प्रसाद ने कहा यह भारत का प्रौद्योगिकी आविष्कार है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, हमारे वैज्ञानिकों, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, नीति आयोग और कुछ निजी संस्थानों का जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते शनिवार को आरोप लगाया था कि यह एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है जिससे सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा होती है। फ्रांस के एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने मंगलवार को दावा किया था कि भारतीयों को खतरा है। उसके इस दावे को खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि एथिकल हैकर ने यह साबित नहीं किया कि किसी उपयोगकर्ता की कोई भी जानकारी खतरे में कैसे है। श्री प्रसाद ने कहा कि इस ऐप को मोबाइल फोन से हटाने का विकल्प हो हमेशा ही उपलब्ध है तो फिर यह हंगामा क्यों। देश इसकी उपयोगिता समझ चुका है और इसे सहर्ष स्वीकार किया है। आरोग्य सेतू ऐप स्मार्टफोन के लिए है। फीचर फोन के लिए हमने आरोग्य सेतू आईवीआरएस विकसित किया है। श्री प्रसाद ने राहुल के दावे का विरोध करते हुए कहा कि यह सुरक्षित है, डाटा इंक्रिप्टेड रूप में है और सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि यह जनहित में भारतीयों की सुरक्षा के लिए है। क्योंकि यह आपको इस बारे में आगाह करता है कि आपके आसपास कहीं कोई कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति तो नहीं है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से कहा कि यह प्रौद्योगिकी का एक बहुत ही मजबूत आविष्कार है और कई अन्य देश कोविड-19 से लड़ने के लिए इसी तरह के ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डाटा सीमित अवधि के लिए है। नियमित डाटा 30 दिनों के लिए रहेंगे और यदि आप संक्रमित होते हैं तो यह 45 से 60 दिनों के लिए रहेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक कार्यालय पहुंच रहे सभी सरकारी एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए इस ऐप को डाउनलोड करना अनिवार्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐप को लोगों से डाउनलोड करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह प्रौद्योगिकी का एक स्पष्ट उपयोग है।
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