नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/राजस्थान/श्रीगंगानगर/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अधिकारियों को पर्यावरण को नुकसान पंहुचाने वाली ईकाइयों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने अधिकारियों से कहा है कि वह अवैध ईंट-भट्ठे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। इसके अलावा बिना अनुमति के चलाई जा रहीं इकाइयों को बंद करवाएं।
इसे लेकर एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए. के. गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए अवैध संचालन की अवधि के लिए ऐसी इकाइयों से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए जुर्माना वसूला जाए। पीठ ने कहा, ‘‘राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिलाधिकारी बिना मंजूरी के चल रहे ईंट-भट्ठों से तय प्रक्रिया के मुताबिक मुआवजा वसूल सकते हैं।’’पीठ यह भी कहा, ‘‘जिन ईंट भट्ठों के पास मंजूरी नहीं है उन्हें तुरंत बंद किया जा सकता है। खास तौर पर तब जब कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। इसके अलावा जिनके पास मंजूरी है, उन्हें यह पुष्टि करने की जरूरत है कि वह प्रदूषण के निर्धारित मानकों को पूरा कर रहे हैं या नहीं।’’
अधिकरण ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त समिति, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वह इन पहलुओं पर गौर करें और तीन महीने के अंदर तथ्यात्मक रिपोर्ट दें। बता दें अधिकरण हकम सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने राजस्थान के श्रीगंगानगर में चल रहे ईंट-भट्ठों द्वारा पर्यावरणीय मानकों को पूरा करने की मांग की।याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील पुष्पिंदर सिंह ने कहा कि 225 ईंट-भट्ठे बिना मंजूरी के चल रहे हैं और उन्हें तुरंत बंद किया जाना चाहिए।
कहा- ‘पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर लगे जुर्माना’
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