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    हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला के घर पक रही नई सियासी खिचड़ी

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/चंडीगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला के घर एक बार फिर चैटाला परिवार की सियासी खिचड़ी पकने लगी है। शुक्रवार को राज्य के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चैटाला पोते दुष्यंत चैटाला के घर पहुंचे। वहां दुष्यंत उनके पिता अजय चैटाला से उन्होने बात की। हालांकि राजनीतिक गलियारों में इस बैठक को लेकर काफी चर्चा चल रही है। लोग यह भी कह रहे है कि किसान आंदोलन को लेकर चैटाला परिवार पर काफी दबाव है जिसके लिए यह मंत्रणा की गई है। लेकिन कुछ चर्चा ये भी है कि निर्दलिय विधायकों ने मंत्री मंडल में शामिल करने दबाव बढ़ा दिया है जिसकारण बन रहे नये समीकरणों व उल्टफेर के चलते रणजीत चैटाला अपनी कुर्सी बचाने के लिए परिवार की एकता का दांव चल रहे है।
    रणजीत चैटाला रिश्ते में दुष्यंत चैटाला के दादा और अजय सिंह चैटाला के चाचा लगते हैं। रानियां से निर्दलीय चुनाव जीतकर आए रणजीत चैटाला को भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में जाट और निर्दलीय विधायकों के कोटे से बिजली व जेल मंत्री बनाया गया है। करीब एक सप्ताह पहले दुष्यंत के निवास पर हुई मंत्री समूह की बैठक में भी हालांकि रणजीत चैटाला शामिल हुए थे, लेकिन बृहस्पतिवार की मुलाकात कुछ अलग और विशेष बताई जा रही है। चर्चा यह भी है कि रणजीत की चाहत पूरे परिवार को पुनः एकजुट करने की है लेकिन चर्चा यह भी है कि परिवार की एकता के नाम पर रणजीत चैटाला अपनी कुर्सी बचाने के जुगाड़ में लगे हुए है। हालांकि रणजीत चैटाला ने बैठक के बाद यह दलील दी कि यह सिर्फ पारिवारिक बैठक थी।
    उधर सूत्रों के अनुसार निर्दलीय विधायक चाहते हैं कि उन्हें भी सरकार में शामिल किया जाए। जब यह दलील दी गई कि रणजीत चैटाला सरकार में उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तो बरोदा उपचुनाव में उनके प्रदर्शन का आकलन किया जाने लगा। कुछ निर्दलीय विधायक इस हक में भी बताए जाते हैं कि अभी सरकार के चार साल बाकी हैं। लिहाजा एक-एक निर्दलिय विधायक को हर साल मंत्री बनाने का मौका दिया जाए। ऐसे में रणजीत चैटाला चाहते हैं कि यदि मंत्रिमंडल में बदलाव के दौरान उनके पर कतरने की कोशिश हुई तो दुष्यंत चैटाला उनके लिए मोर्चा संभालें और उनका बचाव करें। हालांकि खुद दुष्यंत के लिए अपने विधायकों को एडजेस्ट करना तथा उन्हें संभालकर रखना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि रणजीत सरकार के दूत बनकर अपने पोते व भतीजे के घर गए, ताकि आगे की परिस्थितियों से निपटने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जा सके।
    हरियाणा में किसान आंदोलन और निर्दलीय विधायकों की बैठक के बीच बृहस्पतिवार का दिन राजनीतिक रूप से खासा गरम रहा। ठंडी हवाओं और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में चैटाला परिवार के तीन राजनीतिक दिग्गजों की मुलाकात राजनीतिक गलियारों में खासी चर्चा का विषय बनी रही। हरियाणा के डिप्टी सीएम के निवास पर हुई इस मुलाकात में स्वयं दुष्यंत चैटाला, उनके पिता जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चैटाला और प्रदेश सरकार में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चैटाला शामिल हुए। इस मुलाकाल को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अब देखना यह है कि रणजीत चैटाला की यह मुलाकात परिवार की एकता के लिए थी या फिर सिर्फ परिवार की एकता के नाम पर अपनी कुर्सी बचाने का एक दांव था। यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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