नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में उपवास की घोषणा की है। रविवार को डिजिटल पीसी को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों ने कल एक दिन के उपवास का ऐलान किया है, मैं भी कल उनके साथ एक दिन का उपवास रखूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और देश के सभी लोगों से अपील करूंगा कि वे किसानों के समर्थन में उपवास रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र के कुछ मंत्री और भाजपा के कुछ लोग किसानों के प्रदर्शन को एंटीनेशनल बता रहे हैं। इस प्रदर्शन में एक्स सर्विसमैन भी हैं, जो देश के लिए सीमा पर लड़ चुके हैं, जो आज सीमा पर खड़े हैं, वे भी इनके समर्थन में हैं। ऐसे कई खिलाड़ी इस आंदोलन के समर्थन में बॉर्डर पर बैठे हैं, जो देश के लिए मेडल जीत चुके हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कितने गायक हैं, बॉलीवुड सेलिब्रिटी हैं, जो किसानों के बच्चे हैं और वे किसानों के समर्थन में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भाजपा वालों से पूछना चाहता हूं कि क्या ये सभी एंटीनेशनल हैं। कितने वकील इनके समर्थन में आज आए हैं, देश के सभी व्यापारी इनके समर्थन में हैं, क्या ये सभी एंटीनेशनल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्ना आंदोलन के दौरान भी उस समय की कांग्रेस सरकार द्वारा हमारे आंदोलन को बदनाम किया गया था, हमें एंटीनेशनल बताया गया था। आज वही काम भाजपा सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन किसानों को एंटीनेशनल कहने की हिम्मत मत करना। सीएम केजरीवाल ने यह भी कहा कि इस देश का आम आदमी भी किसानों के साथ और इन कानूनों के विरोध में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परसो एक शादी में गया था, वहां लोगों ने कहा कि ये बिल बड़े खतरनाक हैं, इन बिलों में लिखा है कि अब कोई भी कितना भी अनाज जमा कर सकता है। अब तक सरकार जमाखोरी को लेकर लिमिट लगा देती थी, अब तक जमाखोरी जुर्म था. लेकिन इस कानून के अनुसार अब जमाखोरी अपराध नहीं रहा। फिर तो जिनके पास पैसा है, वे कितना भी अनाज जमा कर सकेंगे। लोगों के हवाले से मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून से महंगाई और बढ़ती जाएगी। सीएम केजरीवाल ने कहा कि कोई इस गलतफहमी में न रहे कि इन कानूनों के समर्थन में केवल किसान हैं, इस देश का आम आदमी भी किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि मेरी केंद्र से गुजारिश है कि अंहकार छोड़े। सरकारें जनता बनाती है, अगर जनता इन कानूनों के खिलाफ है, तो इन्हें वापस लिया जाए।
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