भारतीय सेना ने लद्दाख में चीनी सेना के माइक्रोवेव हथियारों के इस्तेमाल की रिपोर्ट को किया खारिज

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

भारतीय सेना ने लद्दाख में चीनी सेना के माइक्रोवेव हथियारों के इस्तेमाल की रिपोर्ट को किया खारिज

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/लेह/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) भारत और चीन के बीच करीब छह महीने से स्थिति बेहद तनावपूर्ण है और दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बने हुए हैं। एक तरफ जहां वे सीमा पर आक्रामक तेवर दिखा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ फर्जी प्रोपगेंडा भी चला रहा है। इस बीच, भारतीय सेना ने बुधवार को उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें यह दावा किया गया था कि पूर्वी लद्दाख में चीन ने ‘माइक्रोवेव हथियारों’ का इस्तेमाल किया है।
भारतीय सेना की तरफ से एक ट्वीट में यह कहा गया, “पूर्वी लद्दाख में माइक्रोवेव का इस्तेमाल आधारहीन है. यह गलत खबर है। ” यूके के अखबार द टाइम्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि भारतीय सेना के कब्जे वाले दो सामरिक चोटियों को माइक्रोवेव ओवन का इस्तेमाल कर बिना फायरिंग के अपने कब्जे में ले लिया।
यह रिपोर्ट बीजिंग के रेनमिन यूनिवर्सिटी के एक अंतरराष्ट्रीय सबंधों के प्रोफेसर जिन केनरोंग के दावे पर आधारित है। उन्होंने दावा किया कि माइक्रोवेव वीपन का अगस्त में ही लाया गया था। यह वही समय था जब भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग त्सो के दक्षिण तट पर और चुशुल में चोटियों को कब्जा करके चीनियों को चैंका दिया था। लेक्चर के दौरान प्रोफेसर ने कहा, इस वीपन को तैनात करने के 15 मिनट के भीतर जो सैनिक चोटियों पर कब्जा जमाए थे उन सभी ने उल्टियां करनी शुरू कर दी। वे वहां पर खड़े नहीं हो पाए और भाग गए। इसी तरह से चीन ने दोबारा वहां पर कब्जा जमाया।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच सैन्य से लेकर राजनीतिक स्तर तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन दोनों देशों के सबंधों में किसी तरह का कोई खास सुधार नहीं है। भारत इस जिद पर अड़ा है कि एलएसी पर 5 मई से पूर्व की स्थित बहाल की जाए और वहां पर तैनात सैनिक अपने पूर्ववर्ती ठिकाने पर चले जाएं। भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में पहली बार कई दशकों में ऐसी भारी हिंसा देखने को मिली थी हालांकि, दोनों देशों की तरफ से लगातार यह कहा जा रहा है कि बातचीत से मामले को सुलझा लिया जाएगा।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox