नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- जिस शराब को समाज के हिसाब से हमेशा गलत माना गया है उसी शराब ने दिखा दिया कि उसके दम पर ही अब सरकारें चलेंगी और शराब नही तो राजस्व भी नही होगा और कोरोना काल में यह बात सिद्ध भी हो गई है। कोरोना के कारण देश व्यापी लाॅक डाउन के चलते दिल्ली में बढ़ी शराब की मांग ने अवैध शराब माफिया की पौ-बारह कर दी है। जिसके चलते दिल्ली में रोजाना हरियाणा की हजारों लीटर अवैध शराब खप रही है और प्रशासन मूक बना हुआ है। हालांकि दिल्ली पुलिस रोजाना अवैध शराब के तस्करों व सप्लायरों की धर पकड़ कर रही है लेकिन जहां दिल्ली में रोजाना विभिन्न रास्तों से अवैध शराब की 100 से 150 गाड़ियां प्रवेश कर रही हो और पुलिस के हाथ सिर्फ एक या दो ही लगे तो यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अवैध शराब पर पुलिस की कार्यवाही भी महज खानापूर्ति ही साबित हो रही है। जिसकारण हरियाणा के अवैध शराब माफियाओं के हौंसले काफी बुलंद दिखाई दे रहे है और दिल्ली सरकार व पुलिस उनके सामने बेबस ही नजर आ रही है।
अभी हाल ही में हरियाणा में शराब के ठेकों को खोलने को लेकर इनेलो नेता अभया चैटाला ने हरियाणा सरकार पर शराब माफिया पर मेहरबानी का आरोप लगाया था। और साथ हरियाणा के एल-1 के गोदामों से गायब हुई शराब के घोटाले पर जवाब मांगा था। जिस तरह से हरियाणा सरकार इस घोटाले की जांच से आनाकानी करती दिखाई दे रही उसी तरह दिल्ली भी इन माफियों के सामने बेबस ही दिखाई दे रही है। उक्त शराब माफिया इतना सशक्त हो गया है कि इसकी पंहुच सरकारी तंत्र तक में बनी हुई है। कुछ साल पूर्व तो सीएसडी कैंटीन तक में इनकी पंहुच के प्रमाण मिले थे। अब बता दें कि लाॅक डाउन के कारण दिल्ली में सरकारी ठेके बंद हो जाने के कारण शराब की बढ़ी मांग के चलते हरियाणा की रोजाना हजारों लीटर अवैध शराब की सप्लाई दिल्ली में होती रही है। हरियाणा के अवैध शराब माफिया ने खासकर दक्षिणी, पश्चिमी व उत्तरी दिल्ली को अपना निशाना बनाया है और यहीं से पूरी दिल्ली में अपनी सप्लाई का नेटवर्क बना रखा है। उक्त माफिया गरीब व बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फांसता है और फिर उनसे सप्लाई का काम कराता है। हालांकि पुलिस भी समय-समय पर कार्यवाही करती है लेकिन अवैध शराब सप्लायर्स भी पुलिस से दो कदम आगे चलकर अपने तरीके बदलते रहते है और सप्लाई बदस्तूर जारी रखते हैं।
दिल्ली में लाॅक डाउन के कारण शराब की मांग 10 गुणा ज्यादा बढ़ जाने से अवैध सप्लायरों ने एम्बुलैस, सब्जी की रेहड़ी, पानी व दूध के टैंकरों तथा ट्रको व टेंपों में विशेष जगहों का निर्माण कर सप्लाई को अंजाम दिया है। दिल्ली में रोजाना हरियाणा से अवैध सप्लाई के 100 से 150 वाहन विभिन्न मार्गों से प्रवेश करते है। हालांकि लाॅक डाउन में दिल्ली पुलिस ने अवैध शराब की धरपकड़ में तेजी दिखाई है और काफी शराब पकड़ी भी है। लेकिन जो सप्लाई दिल्ली में होती है यह उसका 10 प्रतिशत भी नही माना जा रहा है। हालांकि पुलिस अपनी कार्यवाही की काफी सराहना कर रही है। पूरी दिल्ली में लाॅक डाउन के दौरान जिस तरह से अवैध शराब बिकने के मामले सामने आये उससे ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से अवैध शराब माफिया दिल्ली को अपनी उंगलियों पर नचा रहा है और अपने हिसाब से शराब बेच रहा है। लाॅक डाउन के दौरान उक्त माफिया ने दिल्ली की हर गली और हर मौहल्ले में अवैध शराब धड़ल्ले से बेची है। और जो बोतल 100 रूपये की थी वो बोतल 300 रूपये में बिकी है। लाॅक डाउन से पहले भी हमेशा ही अवैध शराब माफिया दिल्ली में सरकार के साथ अपनी अवैध शराब की समानान्तर सप्लाई करता रहा है। दिल्ली व हरियाणा के अपराधी गैंग व असामाजिक तत्व इस धंधे में जुड़कर करोड़ों कमा रहे है और लोगों को मौत बांट रहे है। फिर भी पुलिस या सरकार आज तक इनका कुछ नही बिगाड़ पाई है। लाॅक डाउन के दौरान जो सप्लाई दिल्ली में हुई उससे तो यह साफ हो गया कि दिल्ली पुलिस व दिल्ली सरकार अवैध शराब माफिया के सामने बेबस ही बनी हुई है।
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