नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-एसएससी जीडी-2018 के युवा उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण कर शीघ्र नियुक्ति पत्र देने के विषय पर कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने सीआरपीएफ के डीजी से मुलाकात की। लेकिन इस दौरान उस समय इस मीटिंग में एक बड़ा गतिरोध पैदा हो गया जब डीजी सीआरपीएफ ने बताया की इस भर्ती प्रक्रिया का नोडल अधिकारी बीएसएफ को नियुक्त किया गया है। जबकि एसोसिएशन का कहना है कि सीआरपीएफ महानिदेशालय इस मामले में भ्रमित कर रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस भर्ती प्रक्रिया का नोडल अधिकारी सीआरपीएफ को बनाया है साथ ही यह भी कहा है कि एसएससी का इसमें कोई रोल नही है। तो कैसे सीआरपीएफ महानिदेशालय ऐसा कर सकता हैं। एसोसिएशन के सदस्यों ने डीजी सीआरपीएफ पर पूर्व अर्धसैनिकों की बेज्जती करने का भी आरोप लगाया है।
महासचिव रणबीर सिंह ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि अर्धसेनिक बलों के जवानों, परिवारों के भलाई संबंधित मसलें व ैैब्ळक्-2018 के मेडिकल,भर्ती प्रक्रिया व नियुक्ति हेतु रिटायर्ड अर्धसैनिक बलों के प्रतिनिधियों ने दिनांक 28 अगस्त 2020 को डीजी सीआरपीएफ डॉ आनन्द प्रकाश माहेश्वरी ( जोकि ब्ींपतउंद ॅ।त्ठ भी है) से लोधी काम्प्लेक्स कार्यालय में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया। आश्चर्य की बात है कि सीआरपीएफ महानिदेशालय से जबाब आया है कि उक्त भर्ती प्रक्रिया के लिए नोडल आफिसर बीएसएफ को नियुक्त किया है जबकि ठीक इसके विपरित स्टाफ सलेक्शन कमीशन ने हमें , यहां तक कि माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे अपने जबाब में नोडल आफिसर सीआरपीएफ को दर्शाया गया है। कौन सच है क्या कहा जाए, क्या डीजी सीआरपीएफ इस भर्ती प्रक्रिया पुर्ण कराने में अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं या फिर स्टाफ सलेक्शन कमीशन प्रधानमंत्री जी को गुमराह कर रहा है। जो कि गहन चिंतन एवं जांच का विषय है। देश के 60 हजार बेरोजगार युवाओं के भविष्य से कोन सी शक्तियां खिलवाड़ कर रही है जबकि सरहदों पर सुरक्षा बलों की संख्या बल में वृद्धि की सख्त जरूरत है। जैसा कि ग्रह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने स्वयं बयान दिया कि पैरामिलिट्री फोर्स में लाखों रिक्तियां खाली पड़ी है अतः सीटों में वृद्धि की कर युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी कर दिवाली का तोहफा दिया जाए ।
महासचिव रणबीर सिंह ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कहीं न कहीं डीजी सीआरपीएफ जोकि स्वयं कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड (ग्रह मंत्रालय) के चैयरमेन हैं अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे हैं। आप क्रम संख्या 01 से 05 व 8को देख सकते हैं। जहां हमने अर्धसेनिक बलों को भी एक्समैन का दर्जा लागू किए जाने हेतु निवेदन किया तो जबाब वहीं रटा रटाया पुराना घिसा पिटा जबाब यानी तारीख पे तारीख , रिमाइंडर पर रिमाइंडर।
क्रम सं 02. हमने राज्यों में अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना हेतु डीजीपी साहब से निवेदन किया कि इस बारे में आप वार्ब चेयरमैन की हैसियत से ग्रह मंत्री जी को पत्र लिखा जाए लेकिन इसके ठीक उलट 38 जिला कल्याण अधिकारियों की सूची भेज दी फिर डीजी सीआरपीएफ किस लिए कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड का चेयरमैन पद संभाले हुए हैं।
क्रम सं 3 व 4 में हमने अर्धसेनिक बलों को जवानों व परिवारों के बेहतर स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाओं को लेकर देस पर में सर्वे कराए जाने की आवश्यकता जताई व बेहतर शिक्षा वास्ते अर्धसेनिक बलों के बच्चों के लिए सरदार पटेल के नाम पर अर्धसैनिक स्कूलों की स्थापना किसने जाने हेतु ग्रह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने वास्ते डीजीपी साहब को गुहार लगाई। अब देशवासियों को अखबारों व मिडिया के माध्यम से पता चले कि डॉ आनन्द प्रकाश माहेश्वरी डीजी उल्टा हम रिटायर्ड अर्धसेनिकों पर बरस पड़े ओर कहा कि आ जाते हैं तीन आदमी लेकर बिना तैयारी के। बहुत कुछ कह गए शान के खिलाफ आईजी एडम व अन्य सिनियर अफसरान की मौजूदगी में। मुझे यह कहने में कतई संकोच नहीं है कि हमने आज तक बहुतेरे सुरक्षा बलों के डीजी साहब को मुलाकात कर ज्ञापन दिए लेकिन ऐसा डीजीपी नहीं देखा जो सिर्फ सोशल मीडिया पर दिखावे के लिए सक्रिय रहता है जिसको फोर्सेस की भलाई वास्ते दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है। हम गृह मंत्री जी श्री अमित शाह से मांग करते हैं कि दिनांक 28 अगस्त 2020 की मीटिंग की विडियो जारी की जाए ताकि पैरा मिलिट्री फोर्सेस के जवानों को डॉ आनन्द प्रकाश माहेश्वरी की असलियत का पता लगे व उनके द्वारा की गई पूर्व अर्धसैनिकों की असहनीय बेइज्जती का पता लगे।
महासचिव रणबीर सिंह ने अचरज व्यक्त करते हुए कहा कि फिर डीजी साहब आपने देश भर के अलग अलग राज्यों में डीआईजी व आईजी स्तर के कल्याण अधिकारियों की फोज किसलिए रखी है जब हम ही भलाई संबंधित मसलों पर आपको ड्राफ्टिंग मुहैया कराएं। पैरामिलिट्री महापंचायत इस मीटिंग के दौरान की गई वाहियात एवं गैरजिम्मेदाराना हरकत की कड़ी आलोचना करती है और मीटिंग के दौरान की गई रिकार्डिंग को सार्वजनिक करने की मांग करते है ताकि डीजी की असलियत का पता देश वासियों को लगे। ये ना केवल प्रतिनिधिमंडल का अपमान बल्कि 20 लाख पैरामिलिट्री फोर्स के परिवारों की तौहीन है। साथ ही अगर एसएससी जीडी 2018 भर्ती प्रक्रिया का नोडल अधिकारी सीआरपीएफ को बनाया गया है तो फिर कैसे सीआरपीएफ महानिदेशालय ने अपने जबाब में बीएसएफ को नोडल अधिकारी दर्शाया है जांच का विषय है। ’कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन का सर्वसम्मति से निर्णय कि डीजीपी डॉ आनंद प्रकाश माहेश्वरी के किसी भी कार्यक्रमों बैठकों व सैरमोनियल आयोजनों का पूर्णतया बहिष्कार किया जाएगा।
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