नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/मनोजीत सिंह/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- शनि धाम के महाराज दाती महाराज  को दिल्ली पुलिस ने लॉक डाउन उलंघन करने के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। एक वीडियो में, कुछ बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए लॉकडाउन के बीच मंदिर में पूजा करते हुए देखा गया था। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता था कि इस दौरान लोग मास्क भी नहीं पहने हुए थे। हालांकि वो वीडियो सही था या नहीं पुलिस इसकी जांच में जुटी थी।
                              दाती महाराज की लॉक डाउन के दौरान कुछ वीडियो और तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें शनिदेव मंदिर में दाती महाराज कुछ भक्तों के साथ पूजा-अर्चना करते हुए नजर आए थे। इस दौरान ना तो सोशल डिस्टेनसिंग की गई थी. वहीं, कुछ लोग तो बिना मास्क लगाए हुए थे। दाती महाराज के खिलाफ आईपीसी की धारा 188/34, डीडीएमए अधिनियम के 54 बी और महामारी रोग अधिनियम की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया गया था। ये केस पीएस मैदान गढ़ी में दर्ज किया गया था। इस दौरान कोरोना महामारी के नियमों की भी अवहेलना की गई थी, जिसके चलते दाती महाराज के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. जिन धाराओ में पुलिस ने मामला दर्ज किया था वो जमानती धाराएं हैं, इसलिए पुलिस ने दाती महाराज को गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया है.
                              यहां बता दें कि इससे पहले भी दाती महाराज विवादों में रहे हैं। 9 जनवरी 2016 को फतेहपुर बेरी में अपने आश्रम में 25 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार करने और पीड़िता के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए सीबीआई की एफआईआर में दाती महाराज उर्फ दाती मदन लाल राजस्थानी, अशोक, अर्जुन और अनिल को नामजद किया गया है।  दिल्ली पुलिस ने जून 2018 में दिल्ली की पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए और बाद में दाती महाराज और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। उसकी जांच अभी जारी है।
                              गौरतलब है कि इससे पहले इसी साल मार्च में, दिल्ली हाईकोर्ट ने दाती महाराज और अन्य को बलात्कार के एक मामले में अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली सीबीआई याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। जनवरी में एक ट्रायल कोर्ट ने दाती महाराज को जमानत दे दी थी। जस्टिस चंद्र शेखर ने 26 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध करते हुए धर्मगुरु और उसके तीन सहयोगियों को नोटिस जारी किया था।

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