नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश विदेश/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- लंदन में चीन के राजदूत का एक मीटिंग में कहा गई बात कि उनके देश ने कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली है, बहुत ही मायने रखती है। लेकिन बाद में चीन का अपने राजदूत की बात से पलट जाना इस ओर इशारा करता है की चीन कोरोना वैक्सीन व इस बिमारी पर विश्व को अभी भी गुमराह ही कर रहा है जबकि चीन के पास कोरोना की वैक्सीन पहले से ही तैयार है।
ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी राजदूत लीऊ श्याओमिंग ने मीटिंग में कहा था- हम कोरोना वैक्सीन के चैथे चरण के ट्रायल में पहुंच गए हैं. हम इसे दुनिया को उपलब्ध कराना चाहते हैं। चैथे ट्रायल का मतलब होता है कि वैक्सीन बड़ी आबादी को दिए जाने के लिए तैयार है। बाद में ब्रिटिश अखबार ने जब चीनी एम्बैसी से राजदूत के बयान के बारे में पूछा तो एक ट्रांसक्रिप्ट का लिंक भेज दिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रांसक्रिप्ट में राजदूत के शब्दों को बदलकर वैक्सीन के दूसरे चरण में होने की बात लिखी गई। लेकिन डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, लीऊ श्याओमिंग ने मीटिंग में अंग्रेजी में अपनी बात रखी थी. उन्हें रिकॉर्डिंग में ये बोलते हुए सुना जा सकता है कि वे वैक्सीन के चैथे चरण में होने की बात कह रहे हैं। कुछ रिपोर्ट में ऐसा कहा जा रहा है कि चीन ने अपने ही राजदूत के भाषण को सेंसर कर दिया है। वहीं, मीटिंग में ब्रिटेन के उद्योग जगत और और दवा कंपनियों से जुड़े लोग हिस्सा ले रहे थे जो राजदूत की बात सुनकर हैरान रह गए।
चीनी राजदूत लीऊ श्याओमिंग ने मीटिंग में कहा कि चीन वैक्सीन निर्माण की एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुका है. ऐसा समझा जाता है कि चीन पश्चिमी देशों को फिलहाल ये नहीं बताना चाहता है कि वह वैक्सीन निर्माण में अन्य देशों से आगे चल रहा है। चीन के कोरोना पर इस तरह के खेल से यही क्यास लगाये जा रहे है कि चीन ने सब कुछ जानबूझ कर किया और कोरोना से बचाव के लिए उसके पास वैक्सीन पहले से ही मौजूद थी। फिर भी वह विश्व को गुमराह करता रहा। कुछ रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि चीन ने कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन को देने में जनवरी में देरी की थी. हालांकि, डब्ल्यूएचओ और चीन ने ऐसे आरोपों को खारिज किया है।
इससे पहले बीते महीने एक मीटिंग में चीनी राजदूत लीऊ श्याओमिंग ने कहा था- हम चाहते हैं कि वैक्सीन उपलब्ध हो और गरीब और कम विकसित देशों को उपलब्ध हो। हम हमेशा से ये मानते हैं कि कोविड-19 ने दुनिया को नजदीक लाया है। हम इंसानियत के साझे भविष्य में भरोसा करते हैं।
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