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    ब्रिटेन ने कहा कोरोना में कारगर है भारतीय घरेलु नुस्खा

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच जूझ रहे लोगों को अब भारतीय नुस्खों से काफी राहत मिल रही है जिसके तहत अब विश्व भर में भारतीय नुस्खों को लेकर काफी बहस भी छिड़ी हुई लेकिन ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कोरोना से बचने के लिए भारतीय नुस्खे नमक के पानी से गरारे करने को कारगर माना है। जिसपर ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने भी हालिया शोध अध्ययन में इस पर मुहर लगाई है।
    कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते इससे बचाव और इसके इलाज को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। एक तरफ इसकी वैक्सीन को लेकर काफी हद तक सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं तो दूसरी ओर कई कंपनियां इसकी दवा तैयार करने में लगी है। फिलहाल पहले से उपलब्ध दवाओं के जरिए कोरोना वायरस के लक्षणों का इलाज किया जा रहा है और मरीज ठीक होकर अस्पतालों से वापस अपने घर जा रहे हैं। इससे बचाव के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय समय समय पर सलाह और सुझाव जारी करता रहता है तो वहीं, आयुष मंत्रालय ने भी आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों में कोरोना वायरस से बचाव के उपाय बताए हैं। लोग कोरोना से बचने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे अपना रहे हैं। नमक के पानी से गरारे करना इन्हीं में से एक है। ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने भी हालिया शोध अध्ययन में इसपर मुहर लगाई है। गरारे को लेकर ब्रिटेन की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शोध अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, नमक के पानी से गरारे करने से कोरोना संक्रमण के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके साथ ही इस नुस्खे से कोविड संक्रमण की अवधि भी कम की जा सकती है। 

    66 मरीजों पर 12 दिन तक अध्ययन
    ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस से संक्रमित 66 मरीजों पर यह अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं ने 12 दिन तक यह अध्ययन किया गया। इन 66 मरीजों को इलाज के साथ-साथ नमक मिले गुनगुने पानी से गरारा करने के लिए कहा गया था। 12 दिनों के बाद इन मरीजों की नाक से जब सैंपल लिए गए तो उनमें संक्रमण के लक्षण बहुत ही कम दिखे। 

    जर्नल ऑफ ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित इस रिसर्च के मुताबिक, नमक के गरारे करने वाले मरीजों में औसतन ढाई दिन के अंदर कम संक्रमण पाया गया। शोधकर्ताओं का दावा है कि नमक का गरारा करने से कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि गरारे की मदद से इस बीमारी के खतरे को कम समय में ठीक किया जा सकता है। मालूम हो कि पहले भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ कह चुके हैं कि गरारे की मदद से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के खतरे को कम किया जा सकता है। उनका कहना था कि नियमित अंतराल में अगर माउथवॉशध्गरारे किया जाए तो इससे कोरोना वायरस की गंभीरता कम की जा सकती है। 

    आयुष मंत्रालय ने भी दी है सलाह
    हाल ही में आयुष मंत्रालय ने भी लोगों को गर्म पानी पीने की सलाह दी है। आयुष मंत्रायल की गाइडलाइन के अनुसार, सुबह-शाम गर्म पानी से गरारे करने से गला साफ रहता है और इसके साथ ही वायरल संक्रमण के खतरे से भी बचा जा सकता है। गरारे करना भारतीय जीवनशैली का हिस्सा रहा है। गला खराब होने, आवाज बैठ जाने की स्थिति में भारतीय घरेलू नुस्खे के तौर पर इसका प्रयोग करते रहे हैं। 

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