आतंकियों का पंसदीदा हथियार बनी अमेरिका की एम-4 राइफल

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

आतंकियों का पंसदीदा हथियार बनी अमेरिका की एम-4 राइफल

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जम्मू/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से मुठभेड़ में मारे जा रहे आतंकियों से एम-4 कार्बाइन राइफल बड़े पैमाने पर मिल रही है। स्टीक निशाना, हल्का वजन, ज्यादा मारक क्षमता व ज्यादा रेंज के चलते यह राइफल आतंकियों का पंसदीदा हथियार बना हुआ है। अमेरिका में बनी इस राइफल को पाकिस्तान बड़े पैमाने पर खरीदता है और आतंकियों को सप्लाई करता है।
इस संबंध में डीजीपी दिलबाग सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन दिन पहले कुलगाम में हुई मुठभेड़ में एक ऑपरेशन में मारे गए इमरान भाई नामक पाकिस्तानी जैश के आतंकी से दो हथियार बरामद हुए थे जिनमें से एक एम-4 राइफल थी। अभी तक ऐसे अनेको मामले सामने आ चुके है जिनमें आतंकियों के पास से एम-4 राइफल बरामद हो रही है। डीजीपी के अनुसार पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिये हीरानगर सेक्टर में चार दिन पहले ये हथियार भेजने की कोशिश की गई थी। ड्रोन को बीएसएफ के जवानों ने गिरा दिया था। हाल ही में कश्मीर रेंज के आईजीपी ने भी बताया था कि हीरानगर से भेजी जा रही एम-4 राइफल अली भाई नामक पाकिस्तानी जैश के आतंकी के लिए थी जो शोपियां में सक्रिय है। डीजीपी ने कहा कि अभी तक सुरक्षाबलों से जितने भी हथियार बरामद किए हैं, इनमें ज्यादातर संख्या एम-4 राइफल की है। जितने आतंकी अभी जिंदा हैं उनके पास उतने ही हथियार हैं। पाकिस्तान की कोशिश है कि आईबी या एलओसी के रास्ते जैश और लश्कर के और आतंकी कश्मीर में भेजे जाएं।
आतंकियों से सरेंडर की अपील के बावजूद कामयाबी नहीं मिलने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि उन्हें लगता है कि जो हार्डकोर आतंकी है उनके दबाव के चलते दूसरे आतंकी सरेंडर करने से डरते हैं। और उनको लगता है जो हथियार उनके पास उससे वह भारतीय सुरक्षा बलों का न केवल डटकर मुकाबला कर सकते है बल्कि उन्हे हरा या ज्यादा नुकसान पंहुचा सकते हैं। उन्होने कहा एम-4 राइफल से आतंकी ज्यादा दूरी से वार कर सकते हैं, क्योंकि इसके ऊपर साइट लगी रहती है। एम-4 का वजन काफी कम होता है। इसकी बड़ी खासियत है कस्टमाइजेशन। इसमें कई सारी चीजें जोड़ी जा सकती हैं। दूर तक देखने के लिए स्कोप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता करीब 600 मीटर होती है। साथ ही यह 950 गोलियां लगातार दाग सकती हैं। जिसकारण आतंकी सुरक्षा बलों पर कुछ समय के लिए भारी भी पड़ जाते हैं।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox