ट्रेड फेयर में आरजेएस की संगोष्ठी — “विविधता में एकता ही भारत की असली शक्ति”

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December 22, 2025

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-मीडिया सेंटर में ‘विविधता में एकता’ पर बड़ा विमर्श

नई दिल्ली/उमा सक्सेना/-     नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF 2025) में आरजेएस पीबीएस–आरजेएस पॉज़िटिव मीडिया द्वारा “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की थीम पर विशेष चर्चा का आयोजन किया गया। 14 से 27 नवंबर तक चल रहे इस मेले के मीडिया सेंटर में हुई इस संगोष्ठी में देश की सांस्कृतिक विविधता और उससे उत्पन्न राष्ट्रीय एकता पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत आरजेएस पीबीएस के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने अतिथियों के स्वागत के साथ की। उन्होंने कहा कि व्यापार मेला केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि “एक मिनी इंडिया” है, जहाँ सभी राज्यों की संस्कृति, परंपरा, कला और जीवनशैली का समृद्ध प्रदर्शन होता है। संगोष्ठी की अध्यक्षता भारत मंडपम और आईटीपीओ के उप महाप्रबंधक विवेकानंद विवेक ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के कार्यक्रम निदेशक सुनील कुमार सिंह अपनी धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पांजलि के साथ उपस्थित हुए।

“IITF एक मिनी इंडिया”—विवेकानंद विवेक
आईटीपीओ के उप महाप्रबंधक विवेकानंद विवेक ने आरजेएस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ट्रेड फेयर हमेशा से भारत की विविध संस्कृति को एक मंच पर लाने का कार्य करता आया है। उन्होंने बताया कि कैसे ग्रामीण भारत में जीवन की छोटी-बड़ी घटनाओं में पूरा समुदाय एकजुट होता है—यह हमारी संस्कृति का अनूठा स्वरूप है, जो क्षेत्रीय भिन्नताओं से ऊपर उठकर एकता का संदेश देता है।

भारत की विविधता ही ग्लोबल डिप्लोमैसी की ताकत—सुनील कुमार सिंह
ICCR के कार्यक्रम निदेशक सुनील कुमार सिंह ने भारत की सांस्कृतिक विविधता के वैश्विक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत की 22 आधिकारिक भाषाएँ, विविध खानपान, अलग-अलग परंपराएँ और जीवनशैली हमारी असली शक्ति है।
उन्होंने बताया कि आईसीसीआर विदेशों में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है—गिरमिटिया देशों जैसे फिजी, त्रिनिदाद, मॉरीशस में भारतीय परंपराओं को पीढ़ियों से संरक्षित किया जा रहा है।
ICCR के माध्यम से आज 5,000 विदेशी छात्र भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में 51 भारतीय अध्ययन केंद्र संचालित हो रहे हैं।

कई वक्ताओं ने रखा अपना दृष्टिकोण
संगोष्ठी में साधू प्रेमसागर, कवि अशोक कुमार मलिक, रवि कपूर, प्रशांत यादव और संतोष झा समेत कई वक्ताओं ने भारतीय संस्कृति की विविधता और उसकी वैश्विक पहचान पर विचार रखा।

कार्यक्रम का सफल समापन
पूरे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण आरजेएस टेक्निकल टीम द्वारा यूट्यूब और फेसबुक पर किया गया। समापन और धन्यवाद ज्ञापन आरजेएस पीबीएस परिवार की सदस्य श्रीमती पुष्पांजलि ने किया। उन्होंने कहा कि ट्रेड फेयर जैसे आयोजन देश-विदेश की कला, संस्कृति और समाज को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अगर चाहें तो मैं इसके हैशटैग भी प्रदान कर दूँ।

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