राजस्थान/उमा सक्सेना/- राजस्थान में खांसी की दवा डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। लगातार बच्चों की तबीयत बिगड़ने और एक मासूम की मौत के बाद राज्य के ड्रग कंट्रोलर विभाग ने इस सिरप की सप्लाई और वितरण पर तत्काल रोक लगा दी है। चिकित्सा विभाग ने सभी जिलों और मेडिकल कॉलेजों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, दवा का इस्तेमाल न किया जाए।

सीकर में मासूम की जान गई
मामले ने गंभीर रूप तब लिया जब सीकर जिले के खोरी ब्राह्मणान गांव में पांच साल के नितियांस की खांसी की दवा पीने के बाद हालत बिगड़ गई। परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने अभिभावकों में दहशत फैला दी। इसके बाद भरतपुर और जयपुर से भी बच्चों की तबीयत खराब होने की खबर सामने आई, जिससे दवा को लेकर संदेह और गहरा हो गया।
जयपुर में बच्ची भर्ती, डॉक्टर भी हुए शिकार
राजधानी जयपुर में सोमवार को दो साल की एक बच्ची की हालत खराब होने के बाद उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजनों ने बताया कि बच्ची को वही खांसी की दवा दी गई थी जो सीकर और भरतपुर में बच्चों को दी गई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि भरतपुर के जिस अस्पताल में यह दवा बच्चों को दी गई, वहां एक डॉक्टर ने भी इसका सेवन किया था और उनकी तबीयत भी बिगड़ गई।
केवल वयस्कों के लिए सुरक्षित, छोटे बच्चों को खतरा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह सिरप केवल वयस्क मरीजों के लिए उपयुक्त है और इसे चार साल से कम उम्र के बच्चों को देना सुरक्षित नहीं है। जिन बच्चों पर दवा का विपरीत असर हुआ, वे सभी चार साल से छोटे बताए जा रहे हैं। यही वजह है कि दवा के साइड इफेक्ट ने बड़ा खतरा पैदा कर दिया है।
दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ जांच
डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप का उत्पादन जयपुर की स्थानीय फार्मा कंपनी कायसन्स फार्मा द्वारा किया जाता है, जिसकी यूनिट सरना डूंगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। जैसे ही मामला गंभीर हुआ, राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड (RMSCL) ने कंपनी की सप्लाई रोक दी। ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक ने बताया कि दवा के अलग-अलग बैच के सैंपल उठाकर लैब भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
सभी बैच की सप्लाई पर रोक
RMSCL के कार्यकारी निदेशक जयसिंह ने कहा कि फिलहाल दो बैच की जांच कराई जा रही है, लेकिन एहतियातन सभी बैच की सप्लाई रोक दी गई है। जांच रिपोर्ट आने तक यह दवा न वितरित की जाएगी और न ही किसी अस्पताल या दवा केंद्र पर इस्तेमाल होगी। राज्य के सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है और इस संबंध में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।


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