अनीशा चौहान/- हिंदी और मराठी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अच्युत पोतदार का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 18 अगस्त 2025 को उन्हें मुंबई, ठाणे के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उम्र-संबंधी बीमारियों से जूझ रहे पोतदार के निधन की खबर से उनके प्रशंसकों और सिनेमा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। दर्शकों को उनका मशहूर डायलॉग—“कहना क्या चाहते हो?”—आज भी याद है, जिसे उन्होंने फिल्म 3 इडियट्स में प्रोफेसर के किरदार में कहा था।
फिल्मों और टीवी में अमिट छाप
अच्युत पोतदार ने अपने लंबे करियर में 125 से अधिक फिल्मों में काम किया। वे बड़े पर्दे पर चाहे छोटे किरदार में हों या अहम भूमिका में, हर बार अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लेते थे। उनकी प्रमुख फिल्मों में अर्ध सत्य, तेजाब, दिलवाले, वास्तव, परिणीता, दबंग और लगे रहो मुन्ना भाई शामिल हैं। फिल्मों के साथ-साथ उन्होंने टीवी शोज वागले की दुनिया, मिसेज तेंदुलकर, माझा होशिल ना और भारत की खोज में भी यादगार काम किया। उनके हर किरदार में सहजता और गहराई झलकती थी।
विविध करियर की मिसाल
अभिनय से पहले अच्युत पोतदार का जीवन कई अनुभवों से भरा रहा। मध्य प्रदेश में उन्होंने प्रोफेसर के रूप में करियर शुरू किया। इसके बाद भारतीय सेना में कैप्टन के तौर पर सेवा दी और 1967 में रिटायर हुए। फिर करीब 25 साल तक इंडियन ऑयल में एग्जीक्यूटिव पद पर काम किया। 44 वर्ष की उम्र में उन्होंने फिल्मों की ओर कदम बढ़ाया और 80 के दशक में अभिनय की दुनिया में अपनी पहचान बनाई।
एक युग का अंत
अच्युत पोतदार का जाना भारतीय सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने अभिनय से न सिर्फ किरदारों को जीवंत किया, बल्कि दर्शकों के दिलों में एक खास जगह भी बनाई। उनका जीवन इस बात की मिसाल है कि प्रतिभा और जुनून उम्र की सीमाओं से परे होते हैं।


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