
दिल्ली/सिमरन मोरया/- दिल्ली के पत्रकारों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और सुविधाओं की बहाली को लेकर “वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया” की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को एक महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा गया।
यह ज्ञापन यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार उपाध्याय, राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र भंडारी और दिल्ली यूनिट के अध्यक्ष संदीप कुमार शर्मा की अगुवाई में सौंपा गया। इस दौरान पत्रकार बलराम शर्मा, मनी आर्य, राजेश खन्ना, ईश मालिक, शिवाजी सरकार, महेश ढौंडियाल, महेंद्र, सुमित उपाध्याय और पवन जुनेजा भी मौजूद रहे।
ज्ञापन में मुख्य रूप से वर्ष 1995 में अधिसूचित “दिल्ली प्रेस रिपोर्टर्स मेडिकल एड रूल्स” में संशोधन की मांग की गई है। पत्रकारों का कहना है कि जब डॉ. हर्षवर्धन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री थे, तब इन नियमों के तहत मान्यता प्राप्त पत्रकारों और उनके परिवारजनों को क्लास वन (ग्रुप ए) राजपत्रित अधिकारियों के समान मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती थीं।
हालांकि बाद में समय के साथ इन नियमों को अमल में लाने में विभिन्न अड़चनें उत्पन्न होने लगीं, जिससे पत्रकारों को इलाज के लिए कई स्तर पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि वर्तमान में दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय द्वारा जारी किए गए हेल्थ कार्ड, दिल्ली के स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा अधिकृत नहीं होते, जिसके कारण सरकारी व पैनल में शामिल निजी अस्पतालों और लैब्स में पत्रकारों को सुविधाएं नहीं मिल पातीं।
वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया की मांग है कि दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य महानिदेशालय ही मान्यता प्राप्त पत्रकारों को अधिकृत हेल्थ कार्ड जारी करें ताकि उन्हें केंद्र सरकार की तर्ज पर सारी मेडिकल सुविधाएं मिल सकें। इसके लिए यूनियन ने यह भी प्रस्ताव दिया कि पत्रकार उस राशि का भुगतान करने को तैयार हैं, जितना पीआईबी से मान्यता प्राप्त पत्रकार केंद्र सरकार को करते हैं।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि पिछले दो वर्षों से पत्रकारों के कई मेडिकल बिल तकनीकी कारणों से लंबित पड़े हुए हैं, जिनके भुगतान की मांग की गई है।
इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने पत्रकारों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि जब दिल्ली में भाजपा की सरकार थी, तब पत्रकारों को अनेक सुविधाएं प्रदान की जाती थीं। लेकिन कांग्रेस और बाद में आम आदमी पार्टी की सरकार ने इन सुविधाओं को समाप्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वे सरकार का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार सेवा अपील करेंगे कि दिल्ली के पत्रकारों की सुविधाएं पुनः बहाल की जाए और उनके हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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