
कराची/अनीशा चौहान/- पाकिस्तान के सिंध प्रांत में छह नहरों की विवादित परियोजना के खिलाफ आज बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जो देखते ही देखते हिंसक हो उठे। नौशहरो फिरोज ज़िले में प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृह मंत्री ज़ियाउल हसन लांजर के घर पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने घर में तोड़फोड़ की और सामान को लूटकर उसमें आग लगा दी।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़पें हुईं। हिंसा में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि पाँच प्रदर्शनकारी और तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
क्या है नहर परियोजना विवाद?
विवादित परियोजना “चोलिस्तान नहर परियोजना” का उद्देश्य पंजाब के चोलिस्तान रेगिस्तान की 4 लाख एकड़ बंजर भूमि को सिंचित कर कृषि योग्य बनाना है। परियोजना के अंतर्गत बाढ़ के पानी, विशेष रूप से सतलज नदी, का उपयोग करने की बात कही गई है, लेकिन सिंध के लोगों का आरोप है कि इसमें सिंधु नदी के पानी का दोहन किया जाएगा, जो उनकी कृषि और पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
परियोजना की अनुमानित लागत 211.4 अरब पाकिस्तानी रुपये है और इसे ‘ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव’ (GPI) के तहत वर्ष 2023 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने शुरू किया था।
प्रदर्शन क्यों हुए तेज?
इस परियोजना का विरोध सिंध में सितंबर 2024 से ही शुरू हो गया था। लेकिन फरवरी 2025 में जब पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ और जनरल असीम मुनीर ने परियोजना का उद्घाटन किया, तब से विरोध और अधिक उग्र हो गया।
सिंध के लोगों का मानना है कि इस परियोजना से उनकी पानी की हिस्सेदारी प्रभावित होगी और क्षेत्र की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुँचेगा। सरकार की ओर से अभी तक किसी ठोस समाधान की घोषणा नहीं की गई है, जिससे लोगों में असंतोष लगातार बढ़ रहा है।
स्थिति को देखते हुए कई संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
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