
नजफगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- नजफगढ़ स्थित दिल्ली सरकार के चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान में गुरुवार को केंद्रीय आयुर्वेदिक अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित “आयुर्वेद अनुसंधान पद्धति और सांख्यिकी विषय पर तीन दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न हुआ।

आयुर्वेद अनुसंधान पद्धति और सांख्यिकी (एआरएमएस) विषयक यह कार्यक्रम एक प्रशिक्षण पहल है जिसे आयुर्वेद अनुसंधान में शामिल व्यक्तियों की अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम (तीन दिवसीय प्रशिक्षण मॉड्यूल) है जिसे पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक शोध पद्धतियों के बीच की खाई को पाटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें आयुर्वेदिक शोध की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न घटक शामिल हैं।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सीसीआरएएस के डायरेक्टर जनरल, प्रोफेसर (वैद्य) रबि नारायण आचार्य ने कहा की आज आयुर्वेद में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान की आवश्यकता है ताकि अनुसंधान कार्य को अच्छे पब्लिकेशन में प्रकाशित करवाया जा सके और अधिक से अधिक लोगों तक आयुर्वेद के अनुसंधान को पहुंचाया जा सके। संस्थान के निदेशक प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) एम. बी. गौड़ ने कहा कि आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक तरीके से प्रस्तुत करने का केवल अनुसन्धान ही माध्यम है, इस लिए आयुर्वेद में अधिक से अधिक अनुसन्धान की आवस्यकता है।
तीन दिन तक चले इस कार्यक्रम में डॉ. अतुल जुनेजा पूर्व साइंटिस्ट आईसीएमआर डॉ. रिचा सिंघल साइंटिस्ट आईसीएमआर, सीसीआरएएस के सांख्यिकी अधिकारी डॉ. राकेश कुमार राणा एवं डॉ अरुणा त्रिपाठी ने अनुसंधान एवं सांख्यिकी के विषय पर अपने व्याख्यान दिए।
इस कार्यक्रम में 54 स्नातकोत्तर अध्येताओं एवं संकाय सदस्यों ने रजिस्ट्रेशन करवा कर प्रशिक्षण प्राप्त किया। अंत में अतिरिक्त निदेशक (शैक्षणिक) प्रोफेसर (डों) भरत भोयर ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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